विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2024 के दौरान आईपीओ में एंकर रास्ते के जरिये 25,300 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह निवेश घरेलू म्युचुअल फंडों (एमएफ) के 20,351 करोड़ रुपये के निवेश से अधिक है। प्राइम डेटाबेस के अनुसार एंकर श्रेणी में बेचे गए शेयरों में एफपीआई का योगदान 46.6 फीसदी रहा जो 2021 के बाद सबसे अधिक है।
एफपीआई निवेश में यह तेजी इस साल आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड संख्या में कोष उगाही की वजह से आई है। इस साल आईपीओ से कुल रकम 1.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है और यह 2021 में जुटाए गए 1.19 लाख करोड़ रुपये के पिछले रिकॉर्ड से ज्यादा है।
पिछले कुछ वर्षों में आईपीओ में एफपीआई की भागीदारी कम हो गई थी। हालांकि, एफपीआई ने 2024 में प्राथमिक निर्गमों में फिर से रुचि दिखाई है, भले ही उन्होंने सेकंडरी बाजार से बड़ी रकम निकाली हो। इस साल अब तक एफपीआई ने प्राथमिक बाजार में 1.11 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है जबकि सेकंडरी बाजार से 1.03 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है।
आईपीओ में संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित शेयरों में से 60 प्रतिशत तक एंकर बुक के तहत आवंटित किए जा सकते हैं – जो आईपीओ से एक दिन पहले खुलती है। मुख्य आवंटन के विपरीत एंकर आवंटन विवेकाधीन आधार पर किया जाता है।
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स में ईवीपी और ग्रुप हेड (ईसीएम) दीपक कौशिक ने कहा, ‘एफपीआई ने ऊंचे रिटर्न की संभावना और बेहतर विकल्पों की कमी को देखते हुए लगातार निवेश किया है। अधिकांश आईपीओ की इश्यू कीमत अच्छी रही है। इसके अलावा, एंकर बुक में बड़े आवंटन की अनुमति होती है। भविष्य में, एफपीआई आवंटन तीसरी तिमाही के नतीजों पर निर्भर करेगा।’
सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर (इन्वेस्टमेंट बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘निवेशक एंकर बुक के जरिये बड़ा हिस्सा सुरक्षित कर सकते हैं। एफपीआई नए अवसरों पर ध्यान दे रहे हैं। आईपीओ सौदे उचित कीमत पर हो रहे हैं जिससे उनका आकर्षण बढ़ा है। हमें एफपीआई की भागीदारी बरकरार रहने की उम्मीद है।’