देश की सबसे बड़ी आईवियर रिटेलर कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। उसे करीब 30 गुना आवेदन मिले और कुल मिलाकर 1.13 लाख करोड़ रुपये की बोलियां हासिल हुईं। पात्र संस्थागत खरीदारों की श्रेणी को 40 गुना, एचएनआई श्रेणी को 18 गुना से अधिक और खुदरा श्रेणी को सात गुना से ज्यादा आवेदन मिले। आईपीओ को कुल 32 लाख आवेदन प्राप्त हुए।
इस इश्यू के बड़े मूल्यांकन को लेकर चिंता के बावजूद कंपनी के शेयरों की भारी मांग देखने को मिली। 7,278 करोड़ रुपये का यह आईपीओ इस साल का पांचवां सबसे बड़ा है जिसका कीमत दायरा 382 से 402 रुपये प्रति शेयर था। आईपीओ में 2,150 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी होंगे। इससे प्राप्त रकम का इस्तेमाल कंपनी कारोबार के विस्तार, टेक्नॉलजी इन्फ्रास्ट्रक्चर और विपणन पहल में करेगी।
कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन 69,727 करोड़ रुपये बैठता है जो उसके वित्त वर्ष 25 के लाभ का करीब 200 गुना और सालाना बिक्री का 10 गुना है। विशेषज्ञों ने कहा कि लेंसकार्ट की मूल्यांकन संबंधी चिंताएं जायज थीं। लेकिन निवेशकों ने कंपनी की बाजार स्थिति और ब्रांड की मजबूती के दीर्घकालिक सकारात्मक पहलू पर दांव लगाया है।
स्मार्टकर्मा पर इनसाइट प्रदाता टीना बनर्जी ने लिखा, अगर हम वित्त वर्ष 26 की आय पर विचार करें, जिसमें 22 फीसदी राजस्व वृद्धि और 5 फीसदी शुद्ध लाभ मार्जिन शामिल है, तो आगे का पीई 163 गुना से लेकर 171 गुना हो जाता है। प्रीमियम होने के बावजूद यह एक बिखरे क्षेत्र में लेंसकार्ट का अग्रणी स्थिति को दर्शाता है। एसबीआई सिक्योरिटीज ने कहा, हालांकि यह इश्यू बढ़ा हुआ लगता है, लेकिन कंपनी तेजी से बढ़ते संगठित और कम पहुंच वाले चश्मा बाजार से लाभ उठाने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है।
ब्रोकरेज ने मार्जिन में सुधार की गुंजाइश का संकेत देते हुए कट-ऑफ प्राइस पर लंबी अवधि के लिए आवेदन की सलाह दी थी। लेंसकार्ट का एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2023 के 7 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 14.7 फीसदी पर पहुंच गया है। लेंसकार्ट ओम्नीचैनल मॉडल का परिचालन करती है जिसमें उसका डिजिटल प्लेटफॉर्म शामिल है। वैश्विक स्तर पर उसके 2,806 स्टोर हैं जिनमें से 2,137 भारत में हैं।
वर्षों तक नुकसान उठाने के बाद कंपनी ने वित्त वर्ष 25 में 295.6 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। इससे पिछले वित्त वर्ष में उसे 18 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। परिचालन दक्षताओं और बिक्री में वृद्धि के बीच अब एबिटा सुधरकर 976 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। लेंसकार्ट की एंकर निवेशक श्रेणी को 15 गुना ज्यादा आवेदन मिले जिससे इश्यू से पहले ही धारणा मज़बूत हो गई। ग्रे मार्केट प्रीमियम भी पेशकश अवधि के दौरान करीब 20 फीसदी रहा।
बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स (ग्रो) के आईपीओ को मंगलवार को पहले दिन आधे से ज्यादा आवेदन मिल गए। आईपीओ की खुदरा श्रेणी को करीब दो गुना बोलियां मिलीं। एक दिन पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों को 2,985 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किए थे, जिनमें सिंगापुर सरकार, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटीऔर अन्य शामिल थे।
ग्रो ने अपने 6,632 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए 95 से 100 रुपये प्रति शेयर का कीमत दायरा तय किया है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन 61,736 करोड़ रुपये (7 अरब डॉलर) बैठता है। आईपीओ में 1,060 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हो रहे हैं जबकि 5,572 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव है। टाइगर ग्लोबल और पीक 15 पार्टनर्स जैसे शुरुआती निवेशक कंपनी में अपनी होल्डिंग का कुछ हिस्सा बेच रहे हैं।