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तेजी से बढ़ते प्राइमरी बाजारों, बढ़ते औसत फ्लोट आकार के बीच 2023 की तेजी के बाद नरम पड़े प्री-आईपीओ सौदे

2023 में 13 कंपनियों ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिये रिकॉर्ड 1,074 करोड़ रुपये जुटाए। हालांकि 2024 में यह आंकड़ा घटकर 387 करोड़ रुपये रह गया।

Last Updated- August 14, 2025 | 9:53 PM IST
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तेजी से बढ़ते प्राइमरी बाजारों और बढ़ते औसत फ्लोट आकार के बीच पिछले दो वर्षों में प्री-आईपीओ आवंटन का चलन कम हो गया है। 2023 में 13 कंपनियों ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिये रिकॉर्ड 1,074 करोड़ रुपये जुटाए। हालांकि 2024 में यह आंकड़ा घटकर 387 करोड़ रुपये रह गया। इस बीच, इस साल अब तक सात कंपनियों ने 506 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पिछले कुछ वर्षों में इन सौदों की संख्या और मूल्य दोनों में गिरावट का मुख्य कारण प्री-आईपीओ और आईपीओ कीमतों के बीच घटते मूल्यांकन अंतर को माना जा रहा है।

पैंटोमैथ फाइनैंशियल सर्विसेज ग्रुप के संस्थापक और प्रबंध निदेशक (एमडी) महावीर लूणावत ने कहा, ‘पहले प्री-आईपीओ भाव आईपीओ मूल्य से कम होता था जिससे कीमत में अंतर का फायदा मिलता था। अब प्री-आईपीओ मूल्य निर्धारण में भारी छूट आईपीओ के मूल्यांकन पर नकारात्मक असर डालती है। इसलिए कई कंपनियां प्री-आईपीओ प्लेसमेंट को टालती हैं।’  

2025 में सात प्री-आईपीओ सौदों में से चार आईपीओ भाव पर हुए जबकि एक डिस्काउंट पर हुआ। अभी दो कंपनियों के आईपीओ आने बाकी हैं। गौरतलब है कि रिटेल चेन पटेल रिटेल का आईपीओ प्राइस बैंड नवंबर 2024 के प्री-आईपीओ प्राइसिंग से 15 प्रतिशत कम है। कंपनी का लगभग 243 करोड़ का आईपीओ 19 अगस्त को खुलेगा।

भुगतान समाधान प्रदाता शेषसायी टेक्नोलॉजीज ने 11 अगस्त को लगभग 120 करोड़ के प्री-आईपीओ प्लेसमेंट की घोषणा की। इस फंडिंग राउंड में टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, वीक्यू फास्टरकैप फंड-2 और वैल्यूक्वेस्ट इंडिया गिफ्ट फंड शामिल थे। प्री-आईपीओ प्लेसमेंट ऑफर दस्तावेज जमा कराने के बाद होता है और इस तरह से जुटाई गई राशि आनुपातिक रूप से आईपीओ का आकार घटा देती है।

लूणावत ने कहा कि आईपीओ पेशकशों की बढ़ती रफ्तार और मूल्यांकन के प्रति निवेशकों की बढ़ती सजगता के कारण कंपनियां प्री-आईपीओ प्लेसमेंट से बच रही हैं और बाजार में तेजी के बीच आईपीओ चरण में बेहतर मूल्यांकन की तलाश में हैं। उन्होंने बताया, ‘आईपीओ निवेशक हाल में प्री-आईपीओ कीमतों से ज्यादा प्रीमियम देने से बच रहे हैं।’

2025 में अब तक प्री-आईपीओ प्लेसमेंट से जुड़ी अन्य कंपनियां हैं- स्टैंडर्ड ग्लास लाइनिंग टेक्नोलॉजी (40 करोड़ रुपये), स्कोडा ट्यूब्स (55 करोड़ रुपये), एरिसइन्फ्रा सॉल्युशंस (80 करोड़ रुपये), ब्रिगेड होटल वेंचर्स (126 करोड़ रुपये), ऑल टाइम प्लास्टिक्स (70 करोड़ रुपये) और पटेल रिटेल (15 करोड़ रुपये)।  विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बाजार की धारणा में गिरावट नहीं आती, तब तक प्री- आईपीओ सौदों में नरमी रह सकती है।

सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर-इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘केवल कुछ ही जारीकर्ता प्री-आईपीओ की राह पकड़ेंगे।  जब आईपीओ की मांग जोरदार हो तो प्री-आईपीओ की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा, बड़े सौदों की तुलना में छोटे सौदों में प्री-आईपीओ की संख्या ज्यादा होती है।’इस साल अब तक लगभग 37 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये कुल मिलाकर 61,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

First Published - August 14, 2025 | 9:49 PM IST

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