Hyundai Motor India IPO: भारत के अबतक के सबसे बड़े आईपीओ यानी हुंडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड का इश्यू लॉन्च होने में महज दो दिन का वक्त बचा हुआ है। किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले यह जान लेना काफी जरूरी होता है कि कंपनी उस आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कहां करेगी। कहीं ऐसा तो नहीं कि उसके पास काफी कर्ज है और वह उसी को चुकाने में पूरा खर्च कर चुकी और अतिरिक्त निवेश कुछ नहीं बचा।
Hyundai Motor India का IPO भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के 21,000 करोड़ रुपये के इश्यू साइज का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा है। Hyundai IPO के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से इसका इश्यू साइज 27,870.16 करोड़ रुपये का है। हुंडई के आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ((Hyundai Motor India IPO Price Band) 1,865-1,960 रुपये (22 से 23 डॉलर) प्रति शेयर है। ऐसे में आइये जानते हैं कंपनी का कैपेक्स यानी पूंजीगत खर्च क्या होने वाला है…
गौरतलब है कि Hyundai Motor India ने 15 जून को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्रॉफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया था। 25 सितंबर 2024 को सेबी ने Hyundai Motor India को IPO लाने के लिए मंजूरी दे दी थी।
Hyundai ने अपने DRHP में कहा है, ‘हमने अपने चेन्नई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट (Chennai Manufacturing Plant) के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ चार समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए और अपने तलेगांव मैन्युफैक्चरिंग प्लांट (Talegaon Manufacturing Plant) के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ ऑफर लेटर दिए है, जिनमें कुल मिलाकर लगभग 32,000 करोड़ की निवेश प्रतिबद्धताएं शामिल थीं।’ कंपनी की तरफ से बताए गए ये 32,000 करोड़ रुपये के खर्च साल 2023 से लेकर 2032 तक के लिए हैं।
हाल ही में बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक इंटरव्यू में कंपनी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, CFO वांगडो हूर ने कहा था ‘हम अपने आंतरिक स्रोतों से 32,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना के लिए पैसा देने की योजना बना रहे हैं। 1 अप्रैल तक हमारे पास 9,000 करोड़ रुपये की नकदी है।’ पूरा इंटरव्यू पढ़ने के लिए क्लिक करें
कंपनी ने DRHP में बताया ‘हमारे पहले के पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) थे और हम उम्मीद करते हैं कि हमारे भविष्य के पूंजीगत खर्च मुख्य रूप से नए पैसेंजर व्हीकल मॉडल लॉन्च के संबंध में प्लांट, प्रॉपर्टी और इक्विपमेंट्स और एसेट्स के अधिग्रहण के लिए होंगे।’ कंपनी ने आगे कहा, ‘हमें अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के निर्माण और रखरखाव, उपकरण खरीदने और अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के लिए नई टेक्नोलॉजी को डेवलप करने और लागू करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पूंजी की जरूरत है।’
कंपनी ने कहा कि 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त नौ महीनों में और वित्तीय वर्ष 2023, 2022 और 2021 में, एसेट, प्लांट और इक्विपमेंट और एसेट्स के अधिग्रहण के लिए हमारा पेमंट क्रमशः 2735.442 करोड़ रुपये, 2260.982 करोड़ रुपये, 1264.979 करोड़ रुपये और 2582.888 करोड़ रुपये था।
हाल ही में Hyundai Motor India के चेयरमैन, CEO और MD उनसू किम ने भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग होने की वजह के बारे में कहा, ‘हमारा मानना है कि कारोबार को और अधिक भारतीयकरण करने और एक स्थानीय ब्रांड के तौर पर स्थापित होने के लिए यह बिल्कुल सही वक्त है। यह IPO सुनिश्चित करेगा कि HMIL (Hyundai Motor India Limited) भारत में सफलता के लिए और अधिक समर्पित होगी।’
उन्होंने इससे पहले भी एक बार बताया था कि कि कंपनी चेन्नई प्लांट के लिए 26,000 करोड़ रुपये और तलेगांव प्लांट के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे कंपनी की कुल प्रोडक्शन कैपासिटी 8,24,000 यूनिट प्रति वर्ष से बढ़कर 2028 तक हर साल 11 लाख यूनिट हो जाएगी।
गौततलब है कि तलेगांव प्लांट का अधिग्रहण करते वक्त कंपनी ने बताया था कि उसका मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन 2025 में शुरू होगा।
HMIL के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) तरुण गर्ग ने 11 अक्टूबर को कहा था कि कंपनी की पहली अधिक वॉल्यूम वाला ईवी – क्रेटा ईवी (Creta EV) चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (Q4FY25) में पेश किया जाएगा। यह बड़ा उलटफेर करने वाली होगी, जिसमें इस कैटेगरी को पूरी तरह से बदलने की क्षमता है।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने एक हाल के एक नोट में कहा था कि क्रेटा ईवी और पेट्रोल-HEV SUV- NI1I जैसे नए मॉडलों के उतारे जाने से HMIL की बिक्री को रफ्तार मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों एवं हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने से कंपनी के लिए जबरदस्त अवसर हैं।
कंपनी ने DHHP में बताया, ‘हुंडई मोटर इंडिया ने 2019 में देश की पहली इलेक्ट्रिक मास मार्केट SUV, कोना इलेक्ट्रिक (Kona Electric) पेश की। इसके बाद 2023 में Ioniq 5 पेश की। कंपनी ने भारत में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए समर्पित ईवी प्लेटफॉर्म E-GMP और एडॉप्टेड प्लेटफॉर्म विकसित किए। कंपनी की आगे भारत में 4 नई EV लॉन्च करने की योजना है।
ऑटोमेकर ने कहा, ‘हुंडई मोटर इंडिया ने अगले दशक (2023 से 2032) में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। EV के नए मॉडल पेश करने, उनके चेन्नई प्लांट में EV उत्पादन क्षमता बढ़ाने, बैटरी पैकिंग असेंबली यूनिट स्थापित करने और प्रमुख राजमार्गों और प्रमुख शहरों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए निवेश किया जाएगा।’
कंपनी ने चेन्नई, तमिलनाडु में एक बैटरी असेंबली प्लांट में भी निवेश किया है, जिसकी 2025 तक पहले चरण में सालाना लगभग 75,000 बैटरी पैक की क्षमता होगी। 2024 में, हुंडई मोटर कंपनी और किआ कॉर्पोरेशन (Kia Corporation) ने अपने आगामी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्थानीयकरण प्रयासों में सहायता के लिए रणनीतिक सहयोग के लिए एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस (Exide Energy Solutions) के साथ एक समझौता किया है।
Hyundai अपने IPO के लिए फंड पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये जुटाएगी। हुंडई मोटर इंडिया फिलहाल साउथ कोरिया की हुंडई मोटर कंपनी (Hyundai Motor Company/HMC) की 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी कंपनी है। IPO के बाद HMIL में उसकी पैरेंट कंपनी HMC की हिस्सेदारी घटकर 82.5% रह जाएगी। रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए 1 लॉट में 7 शेयर होंगे। यानी उन्हें कम से कम 13,720 रुपये का निवेश करना होगा। एक रिटेल इन्वेस्टर मैक्सिमम 14 लॉट खरीद सकता है।