HDB Financial IPO: HDFC Bank बैंक की सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) ने शुक्रवार को अपने ₹12,500 करोड़ के IPO के लिए ₹700 से ₹740 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर कंपनी का वैल्यूएशन करीब 61,400 करोड़ रुपये होता है। HDB Financial सर्विसेज का यह पहला पब्लिक इश्यू 25 जून को खुलेगा और 27 जून को बंद होगा, जबकि एंकर निवेशकों के लिए बिडिंग 24 जून को एक दिन के लिए खुलेगी।
कंपनी की ओर से जारी डीटेल के मुताबिक, आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और प्रमोटर एचडीएफसी बैंक की ओर से 10,000 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री (OFS) शामिल हैं।
फिलहाल, एचडीएफसी बैंक की HDB Financial सर्विसेज में 94.36% हिस्सेदारी है। यह कंपनी एचडीएफसी बैंक की एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) यूनिट है।
कंपनी आईपीओ से हसिल रकम का इस्तेमाल अपने टियर-I कैपिटल बेस को मजबूत करने के लिए करेगी, जिससे भविष्य की कैपिटल जरूरतों जैसेकि अतिरिक्त ऋण वितरण के लिए मदद मिलेगी।
आईपीओ डीटेल के मुताबिक, आईपीओ के आकार का 50 फीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए, 35 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए और 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए आरक्षित किया गया है। निवेशक कम से कम 20 शेयरों और उसके मल्टीपल में बोली कर सकते हैं।
इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स में जेएम फाइनेंशियल, बीएनपी परिबास, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी, मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट और यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया शामिल हैं। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 2 जुलाई को होने की संभावना है।
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HDB Financial सर्विसेज को लिस्ट करने का फैसला रिजर्व बैंक (RBI) के अक्टूबर 2022 के उस निर्देश के बाद आया, जिसमें ऊपरी श्रेणी की NBFC को तीन वर्षों के भीतर शेयर बाजार में लिस्ट होना अनिवार्य किया गया था।
पिछले वर्ष एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने ₹12,500 करोड़ के शेयर बिक्री को मंजूरी दी थी, जिसमें ₹10,000 करोड़ की ओएफएस एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज से संबंधित थी। प्रस्तावित आईपीओ के बाद भी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज एचडीएफसी बैंक की सहायक कंपनी बनी रहेगी, जो लागू रेगुलेशंस के प्रावधानों के अंतर्गत है।