IPO market in 2023: शेयर बाजार में रिकॉर्ड तोड़ तेजी के बीच घरेलू कंपनियों में प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटाने को लेकर 2023 में होड़ लगी रही। खासकर वर्ष की दूसरी छमाही में तो आईपीओ मार्केट की रफ्तार जबरदस्त रही। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल की पहली छमाही के दौरान जहां महज 10 मेनबोर्ड आईपीओ लॉन्च किए गए वहीं अगली छमाही में 60 से ज्यादा मेनबोर्ड आईपीओ आए।
एसएमई (SME) आईपीओ के लिए भी दूसरी छमाही पहली छमाही के मुकाबले ज्यादा बेहतर रहा। पहली छमाही के दौरान जहां 70 एसएमई आईपीओ आए वहीं दूसरी छमाही के दौरान 110 से ज्यादा आईपीओ लॉन्च किए गए। प्रदर्शन के लिहाज से भी प्राइमरी मार्केट के लिए 2023 शानदार रहा। इसकी बानगी यह है कि 2023 में लिस्ट हुए कुल 60 मेनबोर्ड आईपीओ में से महज 4 अभी इश्यू प्राइस से नीचे चल रहे हैं।
आईपीओ की संख्या के मामले में 2023 ने बनाया रिकॉर्ड
आईपीओ की कुल संख्या (मेनबोर्ड और एसएमई आईपीओ को मिलाकर) के मामले में 2023 सबसे आगे निकल गया। 2023 में कुल 239 मेनबोर्ड और एसएमई आईपीओ देश के सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हुए।
मेनबोर्ड आईपीओ : कैलेंडर ईयर 2023 में कंपनियों ने 60 (जिनकी लिस्टिंग स्टॉक एक्सचेंज पर हुई) मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए बाजार से तकरीबन 53 हजार करोड़ रुपये जुटाए। कैलेंडर ईयर 20222 में कुल 40 मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए बाजार से 59,412 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इससे पहले सर्वाधिक 1,18,723 करोड़ रुपये वर्ष 2021 में 63 मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए जुटाए गए थे।
एसएमई (SME) आईपीओ ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
लेकिन 2023 उल्लेखनीय रहा एसएमई आईपीओ के लिहाज से। मेनबोर्ड आईपीओ के अलावा 2023 में 179 एसएमई (SME) आईपीओ (जिनकी लिस्टिंग स्टॉक एक्सचेंज पर हुई) के जरिए 4,500 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए गए। वॉल्यूम और फंड रेजिंग (धनराशि जुटाने) दोनों मामले में एसएमई आईपीओ के लिए यह साल सबसे बेहतरीन साबित हुआ। इससे पहले 2018 में सर्वाधिक 141 एसएमई आईपीओ के जरिए 2,287 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। जबकि 2022 में 109 एसएमई आईपीओ के जरिए 1,980 करोड़ रुपये जुटाए गए ।
विश्व की बड़ी पेशेवर सेवा प्रदाता कंपनी EY (Ernst & Young) की ताजा रिपोर्ट (EY Global IPO Trends 2023) के अनुसार चालू कैलेंडर ईयर के दौरान भारत में कंपनियों ने 220 आईपीओ (मेनबोर्ड और एसएमई आईपीओ को मिलाकर) के जरिए 6.9 बिलियन (अरब) डॉलर जुटाए। (EY के आंकड़े दिसंबर के पहले हफ्ते तक के हैं) इश्यू की संख्या के लिहाज से यह पिछले साल यानी 2022 के मुकाबले 48 फीसदी ज्यादा है। हालांकि फंड रेजिंग के मामले में 2022 के मुकाबले 13 फीसदी की गिरावट आई। वर्ष 2022 भारत में कुल 149 आईपीओ के जरिए 8 बिलियन डॉलर की रकम जुटाई गई थी।
वॉल्यूम और वैल्यू के हिसाब से ट्रेंड (मेनबोर्ड आईपीओ)
कैलेंडर 2023 में 60 आईपीओ के जरिए 53,000 करोड़ रुपये
2022 में 40 आईपीओ के जरिए 59,412 करोड़
2021 में 63 आईपीओ के जरिए 1,18,723 करोड़
2020 में 15 आईपीओ के जरिए 26,612.60 करोड़
2019 में 16 आईपीओ के जरिए 12,361.60 करोड़
2018 में 24 आईपीओ के जरिए 30,959.10 करोड़
2017 में 36 आईपीओ के जरिए 67,147.40 करोड़
2016 में 26 आईपीओ के जरिए 26,493.80 करोड़
2015 में 21 आईपीओ के जरिए 13,614.10 करोड़
2014 में 5 आईपीओ के जरिए 1,200.90 करोड़
2013 में 3 आईपीओ के जरिए 1,283.80 करोड़
2012 में 11 आईपीओ के जरिए 6,835.30 करोड़
2011 में 37 आईपीओ के जरिए 5,966.30 करोड़
2010 में 64 आईपीओ के जरिए 37,534.70 करोड़
2009 में 20 आईपीओ के जरिए 19,544.00 करोड़
2008 में 37 आईपीओ के जरिए 16,904.40 करोड़
2007 में 100 आईपीओ के जरिए 34,179.10 करोड़
2006 में 73 आईपीओ के जरिए 19,852.50 करोड़
(स्रोत: PRIME डेटाबेस)
ग्लोबल आईपीओ मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर हुई 17 फीसदी
EY की इसी रिपोर्ट के अनुसार आईपीओ की संख्या (वॉल्यूम) के मामले में वैश्विक स्तर पर भारत की हिस्सेदारी 2023 में बढ़कर 17 फीसदी हो गई। 2021 और 2022 में भारत की हिस्सेदारी क्रमश: 6 फीसदी और 11 फीसदी रही थी।
आईपीओ की संख्या (वॉल्यूम) के लिहाज से 2023 में टॉप के 10 देश
चीन : 302 आईपीओ
भारत : 220 आईपीओ
अमेरिका : 132 आईपीओ
जापान : 86 आईपीओ
इंडोनेशिया : 79 आईपीओ
दक्षिण कोरिया : 77 आईपीओ
हांगकांग : 63 आईपीओ
तुर्किए : 52 आईपीओ
सऊदी अरब : 39 आईपीओ
थाइलैंड : 37 आईपीओ
(स्रोत: EY Global IPO Trends 2023)
इस साल के बड़े आईपीओ
इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ फार्मा कंपनी मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) की तरफ से आया। इस कंपनी ने अप्रैल में बाजार के जरिए 4,326 करोड़ रुपये जुटाए। टाटा टेक (Tata Technologies) का बहुप्रतीक्षित आईपीओ 1 दिसंबर को इश्यू प्राइस के मुकाबले 140 फीसदी प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ। इस आईपीओ के साथ टाटा समूह की किसी कंपनी ने 20 साल के बाद प्राइमरी मार्केट में कदम रखा। टाटा टेक ने आईपीओ के जरिए बाजार से 3,042.51 करोड़ रुपये जुटाए। नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट (3,200 करोड़ रुपये), जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (2,800 करोड़ रुपये) और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) (2,150.21 करोड़ रुपये) वर्ष 2023 के अन्य बड़े आईपीओ रहे।
आईपीओ का प्रदर्शन
बीएसई के आईपीओ परफॉर्मेंस ट्रैकर के अनुसार मेन बोर्ड और एसएमई सेगमेंट को मिलाकर कैलेंडर वर्ष 2023 में 120 आईपीओ (जिसमें 59 मेनबोर्ड और 61 एसएमई सेगमेंट में) बीएसई (BSE)/ बीएसई एसएमई (BSE SME) में लिस्ट हुए। जिनमें 102 आईपीओ का प्रदर्शन इश्यू प्राइस की तुलना में बेहतर रहा। जबकि 17 आईपीओ नुकसान में यानी इश्यू प्राइस से नीचे देखे गए। वहीं लिस्टिंग के लिहाज से से देखें तो 95 आईपीओ लिस्टिंग के दिन इश्यू प्राइस से ऊपर जबकि 24 आईपीओ लिस्टिंग के दिन इश्यू प्राइस से नीचे बंद हुए।
बड़े आईपीओ का कैसा रहा प्रदर्शन?
वर्ष 2023 में सबसे बड़ी आईपीओ लाने वाली कंपनी मैनकाइंड फार्मा के शेयर इश्यू प्राइस से तकरीबन 83 फीसदी ऊपर (29 दिसंबर 2023) दर्ज किए गए। लिस्टिंग के दिन ही इस कंपनी के शेयरों में 31.86 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी। इस साल के अन्य बड़े आईपीओ मसलन टाटा टेक्नोलॉजीज, जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के शेयर भी इश्यू प्राइस से क्रमश: 136.08 फीसदी, 77.1 फीसदी और 227.03 फीसदी फीसदी ऊपर देखे गए।
इन कंपनियों के अलावे 2023 में लिस्ट हुए बाकी 56 मेनबोर्ड आईपीओ में से महज 4 इश्यू प्राइस से नीचे दर्ज किए गए।
2023 में 10 सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले आईपीओ (इश्यू प्राइस के मुकाबले )
इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA): (+227.03%)
साएंट डीएलएम (+154.77%)
सिग्नेचर ग्लोबल (+139%)
नेटवेब टेक्नोलॉजी इंडिया (+136.53%)
टाटा टेक्नोलॉजीज- (+136.08%)
सेनको गोल्ड (+122.13%)
विष्णु प्रकाश आर पुंगलिया (+119.75%)
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक (+113.12%)
ईएमएस (+111.3%)
कॉनकॉर्ड बायोटेक (+99.48%)
2023 में नेगेटिव रिटर्न देने वाले आईपीओ (इश्यू प्राइस के मुकाबले )
मुथूट माइक्रोफिन (-12.56%)
सूरज एस्टेट डेवलपर्स (-8.15%)
रेडियंट कैश मैनेजमेंट (-4.85%)
फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज (-2%)
बेंचमार्क इंडेक्स के मुकाबले प्रदर्शन कितना बेहतर?
बीएसई के आईपीओ इंडेक्स (BSE IPO Index) में 2023 में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बीसई के एसएमई आईपीओ इंडेक्स (BSE SME IPO Index) में तो 2023 में 90 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखा गया। जबकि बेंचमार्क इंडेक्स यानी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 इसी दौरान क्रमश: 19 फीसदी और 20 फीसदी चढ़े। वहीं बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 45 फीसदी और 47 फीसदी बढ़े।
एसएमई (SME) आईपीओ का प्रदर्शन
2023 में 179 एसएमई आईपीओ BSE SME, NSE Emerge या दोनों पर लिस्ट हुए। जिनमें 43 इश्यू प्राइस से नीचे जबकि बाकी 136 इश्यू प्राइस से ऊपर देखे गए।
क्यों बूम पर रहा घरेलू आईपीओ मार्केट?
देश की आर्थिक गतिविधियों में निरंतर मजबूती, घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों का बाजार में निवेश को लेकर जबरदस्त उत्साह, खुदरा निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी, तर्कसंगत वैल्यूएशन, तकनीकी के साथ साथ नियामकीय सहूलियत, तेजी से पांव पसार रहा स्टार्टअप कल्चर … कुछ ऐसे महत्वपूर्ण फैक्टर्स हैं जो आईपीओ मार्केट को लगातार सपोर्ट कर रहे हैं।
इस साल विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में भी उन्होंने लगभग 68,000 करोड़ रुपये डाले। स्टार्टअप कल्चर की बात करें तो देश में अभी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं।
देश के 10 सबसे बड़े आईपीओ
देश के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी (LIC) के नाम है। कंपनी ने पिछले साल आईपीओ के जरिए 205.5 अरब रुपये यानी 20,557 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पहले यह रिकॉर्ड फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) के नाम था। पेटीएम ने 2021 में आईपीओ के जरिए 183 अरब यानी 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। सरकारी कोल खनन कंपनी कोल इंडिया इस मामले में तीसरे नंबर पर है। कोल इंडिया ने 2010 में आईपीओ के जरिए 151.99 अरब यानी 15,199 करोड़ रुपये जुटाए थे।
देश के अब तक के 10 सबसे बड़े आईपीओ –
-एलआईसी (2022) – 205.5 अरब रुपये (20,557 करोड़ रुपये)
-पेटीएम (2021)-183 अरब रुपये
-कोल इंडिया (2010) – 151.99 अरब रुपये
-जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (2017) -112.57 अरब रुपये
-एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज (2020) -103.41 अरब रुपये
-रिलायंस पावर (2008) – 101.23 अरब रुपये
-न्यू इंडिया एश्योरेंस (2017) – 95.86 अरब रुपये
-जोमैटो (2021) – 93.75 अरब रुपये
-डीएलएफ (2007)- 91.88 अरब रुपये
-एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस (2017)- 86.95 अरब रुपये
ग्लोबल आईपीओ मार्केट का प्रदर्शन
EY की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर कैलेंडर ईयर 2023 में 1,298 आईपीओ के जरिए बाजार से 123.2 बिलियन डॉलर जुटाए गए। जो इश्यू की संख्या और फंड रेजिंग के लिहाज से पिछले साल के मुकाबले क्रमश: 8 फीसदी और 33 फीसदी कम है। पिछले साल कुल 1,415 आईपीओ के जरिए बाजार से 184.3 बिलियन डॉलर जुटाए गए थे।
ग्लोबल लेवल पर आईपीओ के जरिए फंड रेजिंग (Global IPO activity by IPO proceeds (US$b)
2019 : $208.3 billion
2020 : $271.3 billion
2021 : $459.9 billion
2022 : $184.3 billion
2023 : $123.2 billion
ग्लोबल लेवल पर आईपीओ वॉल्यूम (Global IPO activity by number of IPOs)
2019 : 1,146
2020 : 1,452
2021 : 2,436
2022 : 1,415
2023 : 1,298
(Source: EY Global IPO Trends 2023)
अमेरिका में इस वर्ष 132 आईपीओ के जरिए 22.2 बिलियन डॉलर जुटाए गए। जो इश्यू की संख्या और फंड रेजिंग के लिहाज से पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले क्रमश: 47 फीसदी और 157 फीसदी ज्यादा है। वहीं चीन में कंपनियों ने 302 आईपीओ के जरिए बाजार से 50.4 बिलियन डॉलर जुटाए जो पिछले वर्ष के मुकाबले क्रमश: 29 फीसदी और 43 फीसदी कम है।
आईपीओ के जरिए फंड रेजिंग के लिहाज से 2023 में टॉप के 10 देश
चीन : 50.4 बिलियन डॉलर
अमेरिका : 22.2 बिलियन डॉलर
भारत : 6.9 बिलियन डॉलर
हांगकांग : 5.6 बिलियन डॉलर
संयुक्त अरब अमीरात : 5.5 बिलियन डॉलर
जापान : 4.2 बिलियन डॉलर
इंडोनेशिया : 3.6 बिलियन डॉलर
सऊदी अरब : 3.6 बिलियन डॉलर
तुर्किए : 3 बिलियन डॉलर
दक्षिण कोरिया : 2.7 बिलियन डॉलर
(स्रोत: EY Global IPO Trends 2023)