विश्लेषकों का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के शेयरों ने पिछले साल के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। निवेशकों ने मुख्य परिचालन मानकों में सुधार की वजह से इन्हें पसंद किया। एसीई इक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि एस ऐंड पी बीएसई पीएसयू इंडेक्स पिछले साल में 90 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा, जो सेंसेक्स के मुकाबले बड़ी तेजी है। इस दौरान सेंसेक्स में करीब 19 प्रतिशत की तेजी आई।
रिपोर्टों से पता चलता है कि बीएसई पीएसयू इंडेक्स ने पिछले पांच साल के दौरान 28 प्रतिशत की सालाना दर से प्रतिफल दिया है और पिछले साल इसमें करीब 60 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। इस दौरान निफ्टी-50 ने क्रम से 16.7 प्रतिशत और 20.5 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। डीएसपी म्युचुअल फंड के विश्लेषकों ने इस तेजी के लिए सरकारी प्रयासों और प्रबंधन नीतियों को जिम्मेदार बताया है।
हालांकि डेटा से पता चलता है कि सार्वजनिक उपक्रमों के परिचालन प्रदर्शन ने पहले ही बदलाव का संकेत दे दिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये सरकारी कंपनियां परिचालन की बेहतर रफ्तार बनाए रख पाएंगी, इस पर विशलेषकों को उम्मीद है कि व्यापार के अवसरों में वृद्धि के कारण उनके बेहतर प्रदर्शन का रुझान बरकरार रह सकता है।
डीएसपी एमएफ के विनीत सांब्रे, रोहित सिंघानिया और सौविक साहा ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘अक्सर बड़ी री-रेटिंग तब होती है जब पूंजी पर रिटर्न पूंजी लागत से ज्यादा हो जाता है। इसलिए इसमें ताज्जुब नहीं है कि पीएसयू के शेयरों का प्रदर्शन इन कंपनियों की मुनाफा वृद्धि से भी बेहतर हो गया। शुरू में हम पीएसयू में अपना निवेश बढ़ाने में सतर्क थे, लेकिन ताजा आंकड़ों से संकेत मिलता है कि परिचालन प्रदर्शन में सुधार आया है जिससे हमने पीएसयू कंपनियों में अपना निवेश बढ़ाया है।’