बाजारों में उतार-चढ़ाव में हो रहे इजाफे के बावजूद म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं ने जनवरी में अब तक का सबसे ज्यादा 50,800 करोड़ रुपये का सकल निवेश हासिल किया है। इस निवेश को मासिक आधार पर एसआईपी के जरिये हुए सकल निवेश में उछाल से सहारा मिला, जो 18,800 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
सकल निवेश के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने और निवेश निकासी में नरमी से मासिक आधार पर शुद्ध निवेश 28 फीसदी बढ़कर 21,780 करोड़ रुपये रहा जो मार्च 2022 के बाद का सर्वोच्च स्तर है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि जनवरी में मामूली उतारचढ़ाव के बावजूद बाजार स्थिर बंद हुए। इक्विटी योजनाओं ने निवेश में बढ़ोतरी देखी और सेक्टोरल और स्मॉलकैप योजनाओं ने प्राथमिक तौर पर इसमें योगदान किया। इक्विटी योजनाओं में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का सकल निवेश पहली बार दिसंबर 2023 में देखने को मिला था।
जनवरी महीने ने लार्जकैप योजनाओं में ज्यादा निवेश की बहाली भी देखी। इससे पहले कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान इन योजनाओं से करीब 3,000 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी जब मासिक निवेश मोटे तौर पर कम या नकारात्मक थे। लार्जकैप योजनाओं ने जनवरी में 1,290 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया। फ्लेक्सीकैप फंडों में निवेश बढ़कर 2,450 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
जनवरी में बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी स्थिर बंद हुए। निफ्टी ने पिछले महीने 21 में से नौ सत्रों के दौरान 0.75 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की थी। कोटक महिंद्रा एएमसी के प्रमुख (बिक्री, विपणन व डिजिटल कारोबार) मनीष मेहता ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में काफी गिरावट देखी जहां निवेशकों ने एसआईपी के अलावा अतिरिक्त खरीद भी की। एसआईपी और एकमुश्त निवेश बाजार के उतारचढ़ाव से लाभ लेने का जरिया है।
फंडों की विभिन्न श्रेणियों में निवेश मजबूत रहा और हाइब्रिड योजनाओं में शुद्ध निवेश मासिक आधार पर 37 फीसदी उछलकर 20,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एम्फी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। डेट फंड और पैसिव योजनाओं ने 80,000 करोड़ रुपये हासिल किए जिससे उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां करीब 4 फीसदी उछलकर 52.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि हम वृद्धि और वित्तीय बचत वाले साधनों के जरिये भागीदारी के दौर में हैं। उद्योग का शुद्ध एयूएम भी बढ़कर 52.74 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जिससे जाहिर होता है कि म्युचुअल फंड मजबूत हैं और निवेश का तरजीही जरिया हैं।
एयूएम को नए फंड ऑफर से भी मजबूती मिली। कुल मिलाकर जनवरी में 17 योजनाएं पेश हुईं और उनसे कुल 6,800 करोड़ रुपये जुटाए गए। मल्टी ऐसेट फंडों को एनएफओ संग्रह में सबसे ज्यादा रकम मिली। इस श्रेणी में तीन पेशकश आईं और उन्होंने 4,250 करोड़ रुपये जुटाए।
संगठन ने यह भी बताया कि नया एसआईपी पंजीकरण नई ऊंचाई पर पहुंच गया और 52 लाख खाते खुले। सक्रिय एसआईपी खातों की संख्या बढ़कर 7.92 करोड़ हो गई। एसआईपी एयूएम भी बढ़कर 10.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए जो दिसंबर 2023 में 9.96 लाख करोड़ रुपये था। खातों की संख्या भी 17 करोड़ की नई ऊंचाई पर पहुंच गई।