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पहली छमाही में कई परिसंपत्ति वर्गों को तगड़ा नुकसान

Last Updated- December 11, 2022 | 5:52 PM IST

वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही के दौरान कई लोकप्रिय परिसंपत्ति वर्गों को भारी दबाव का सामना करना पड़ा। केंद्रीय बैंकों द्वारा बेलगाम हो रही मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आक्रामक मौद्रिक सख्ती बरतने की वजह से कई परिसंपत्ति वर्गों को दबाव झेलना पड़ा। क्रिप्टोकरेंसी और स्मॉलकैप जैसे जोखिमपूर्ण परिसंपत्ति वर्गों पर ज्यादा दबाव दिखा। घरेलू लार्जकैप श्रेणी ने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया, क्योंकि जहां सेंसेक्स में 2022 के पहले 6 महीनों में 9 प्रतिशत की कमी आई, वहीं एमएससीआई वर्ल्ड इंडेक्स में 20 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई। निवेशकों के पास कमाई के कम अवसर रह गए, क्योंकि बढ़ती मुद्रास्फीति की वजह से डेट योजनाओं ने भी कमजोर प्रतिफल दिया। बॉन्ड प्रतिफल और कीमतों में उतार-चढ़ाव का विपरीत संबंध है। सुरक्षित निवेश विकल्प समझे जाने वाले सोने की रफ्तार भी पहली छमाही में सपाट बनी रही। बेहद लोकप्रिय क्रिप्टो बिटकॉइन पिछले कुछ वर्षों की शानदार तेजी के बाद करीब 60 प्रतिशत नीचे आ गई। अब सवाल उठता है कि किस परिसंपत्ति वर्ग ने बेहतर प्रदर्शन किया? कच्चे तेल की कीमतें पहली छमाही में 52 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ी हैं, क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से ऊर्जा बाजार प्रभावित हुआ। अमेरिकी डॉलर भी रुपये के मुकाबले 6 प्रतिशत से ज्यादा मजबूत हुआ। इसके अलावा, रियल एस्टेट कीमतें कुछ हद तक मजबूत हुई हैं, क्योंकि डेवलपरों ने बढ़ती उत्पादन लागत की भरपाई करने के लिए कीमत वृद्धि का सहारा लिया है।  

First Published - July 2, 2022 | 2:12 AM IST

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