अमेरिका के राजकोषीय यील्ड के कारण गुरुवार को भारत में सरकारी बॉन्ड का यील्ड भी गिर गया। यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे जारी होने के होने के बाद अमेरिका के राजकोषीय यील्ड में सुस्ती आई थी। दरअसल दर तय करने वाली समिति ने ब्याज दरों को यथावत रखा और 2024 में तीन ब्याज दरों में कटौती के अनुमान को कायम रखा था।
सीएमई के फेडवॉच टूल के अनुसार जून में ब्याज दरों में कटौती किए जाने का अनुमान बढ़कर 74 फीसदी हो गया जबकि यह एक सप्ताह पहले 59 प्रतिशत था। दरअसल, 10 साल के सरकारी बॉन्ड के बेंचमार्क का यील्ड गुरुवार को 4 आधार अंक गिरकर 7.05 हो गया जबकि यह बुधवार को 7.09 प्रतिशत था।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘फेड की बैठक में कहा गया कि ब्याज दरों में तीन कटौती यथावत रहेंगी। इससे बाजार को मजबूती मिली।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बाद राज्य विकास ऋण (एसडीएल) की नीलामी की मांग अच्छी थी।’ इस वित्त वर्ष की अंतिम नीलामी में दो राज्यों ने राज्य बॉन्ड की नीलामी से 24,000 करोड़ रुपये जुटाए। इस क्रम में 10 वर्षीय राज्य बॉन्ड की कट ऑफ यील्ड 7.42 प्रतिशत थी जबकि यह बीते सप्ताह 7.44 और 7 से 7.50 प्रतिशत के दायरे में थी।’
उन्होंने बताया कि इसमें बैंक भी थे लेकिन प्रमुख रूप से पेंशन फंडों और बीमाकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा. ‘यील्ड (10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड) करीब 7.05 प्रतिशत रहनी चाहिए। इसमें और गिरावट होने से पहले एक अच्छी खबर की जरूरत होगी।’
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 दिवसीय परिवर्तनीय दर रीपो नीलामी की ताकि प्रणाली में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की नकदी की कमी से निपटा जा सके। इसके लिए भारित औसत ओवरनाइट मुद्रा बाजार दर बढ़कर 6.73 प्रतिशत हो गई जो मार्जिनली फैसिलटी दर के करीब थी।
केंद्रीय बैंक को 71,252 करोड़ रुपये मूल्य की निविदाएं मिलीं जबकि नीलामी की अधिसूचित राशि 50,000 करोड़ रुपये थी। आरबीआई के नवीनतम आंकड़े के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में नकदी की कमी बुधवार को बढ़कर 97,529 करोड़ रुपये हो गई जबकि यह मंगलवार को 54,248 करोड़ रुपये थी। बाजार के जानकारों के अनुसार अग्रिम कर के भुगतान के कारण नकदी की कमी बढ़ी। कुल 2 लाख करोड़ रुपये की निकासी 31 मार्च तक होने की उम्मीद है।