दिग्गज बैंकर के वी कामत ने कहा है कि देसी फंड मैनेजरों को इस पर दोबारा विचार करना होगा कि निवेश की कौन सी अवधारणा से अगले दशक में बढ़त नजर आएगी ताकि निवेशकों को रिटर्न मिल सके। आईसीआईसीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से वितरकों और निवेशकों के लिए आयोजित रीसेट 2020 कॉन्फ्रेंस में कामत ने ये बातें कही।
आईसीआईसीआई बैंक के संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याििधकारी के वी कामत ने कहा, मनी मैनेजरों को उन कंपनियों की पहचान करनी होगी, जो इस कवायद में बढ़त को रफ्तार देंगी। साथ ही यह शायद नई व पुरानी कंपनियों के मेल से होगा। कुल मिलाकर बाजार इन नए सितारों के जरिए आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार में हर दशक में कई कंपनियां अग्रणी पायदान से बाहर निकल जाती हैं और इसमें उनकी संख्या बाकी बची कंपनियों से ज्यादा होती है। अर्थव्यवस्था के हालिया अवरोध पर कामत ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में मुश्किलें बनी रहेंगी, जैसे निर्माण, कुछ शहरों में रियल एस्टेट, होटल, पर्यटन आदि। मुझे नहीं पता कि किसम समय इन क्षेत्रों की हालत सुधरेगी। उन्होंने कहा, वित्तीय व्यवस्था में शामिल कंपनियों की मुश्किलों का स्तर अलग-अलग है। हमें उन आंकड़ों पर नजर डालनी होगी, जो इन संस्थानों से निकल आ रहे हैं और केंद्रीय बैंक को देखना होगा कि वहां क्या हो रहा है।
कामत ने रेखांकित करते हुए कहा कि कुछ कारोबारों को अपनी बैलेंस शीट को पुनर्गठित करना होगा। उन्होंने कहा, दुनिया भर के डेवलपमेंट बैंकों के प्रमुखों के साथ हमारी बैठक होती रहती है। करीब-करीब हर किसी ने कहा है कि उन्हें उन देशों में बैलेंस शीट के पुनर्गठन की काफी ज्यादा संभावना दिखती है, जहां वे परिचालन करते हैं। कामत ने कहा कि भारत में कम ब्याज दर काफी सकारात्मक है और महंगाई व ब्याज दर के बीच जुड़ाव टूट चुका है। मुझे नहीं लगता कि हमारे यहं ऐसी स्थिति होगी जहां ब्याज दर में इसलिए इजाफा होगा कि महंगाई बढ़ रही है। जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 6.93 फीसदी रहा, जो इससे पिछले महीने 6.23 फीसदी रहा था। महंगाई में बढ़ोतरी ने भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दर में कमी की संभावना काफी हद तक घटा दी है।
कामत ने कहा, ब्याज दर में कमी के अलावा भारत में जिंसों की कम कीमत, काफी ज्यादा नकदी और मुद्रा का मजबूत प्रवाह काफी सकारात्मक चीजें हैं।
एचडीएफसी बैंक के खिलाफ मामला दर्ज कराएगी अमेरिकी कंपनी
अमेरिका की विधि कंपनी रोजन ने सोमवार को कहा कि वह एचडीएफसी बैंक के खिलाफ संभावित प्रतिभूति दावों की जांच की योजना बना रही है। निवेशकों के साथ भ्रामक व्यावसायिक जानकारी साझा करने के आरोपों के बाद अमेरिकी कंपनी ने यह कदम उठाया है।
एचडीएफसी बैंक ने कहा है कि उसे अपने खिलाफ किसी तरह का मुकदमा दर्ज होने के बारे में जानकारी नहीं है और प्रत्यक्ष तौर पर यह आरोप निराधार दिख रहा है क्योंकि हम अपने खुलासों को लेकर पारदर्शी रहे हैं। अमेरिकी कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा है, ‘रोजन एचडीएफसी बैंक शेयरधारकों की ओर से मामला दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।’ इस खबर के बाद एचडीएफसी बैंक अमेरिकन डिपोजिटरी रिसीप्ट का शेयर भाव 2.83 प्रतिशत तक गिर गया। बैंक का एडीआर एनवाईएसई पर सूचीबद्घ है। एजेंसियां