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क्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्स

भारत में क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेक्टर में फिर बढ़ी प्रतिस्पर्धा; Eternal और Swiggy दिखा रहे हैं बेहतर मुनाफे और मजबूत ग्रोथ की राह।

Last Updated- November 12, 2025 | 8:23 AM IST
Swiggy Vs Zomato

भारत में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स (QC) का बाजार एक बार फिर तेज मुकाबले में उतर आया है। पिछले कुछ महीनों में कंपनियों ने थोड़ा आराम पाया था और मुनाफे में भी सुधार दिखा था। लेकिन अब FY26 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) में फिर से बड़ी-बड़ी कंपनियां मार्केट शेयर बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। वे ज्यादा विज्ञापन कर रही हैं, डिस्काउंट दे रही हैं और पुराने ग्राहकों को दोबारा जोड़ने की कोशिश में हैं। ठीक वैसे ही जैसे सितंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच हुआ था। हालांकि, इस बार माहौल कुछ अलग है। अब कंपनियों के पास बेहतर फंडिंग है और वे अपने खर्च को सोच-समझकर और अनुशासन के साथ कर रही हैं।

क्या अब भी ‘डार्क स्टोर’ ही ग्रोथ का इंजन हैं?

इस बार कंपनियां डार्क स्टोर्स को पहले की तरह तेजी से नहीं बढ़ा रही हैं। अब उनका ध्यान हर स्टोर से ज्यादा ऑर्डर निकालने और खर्च घटाकर कामकाज बेहतर करने पर है। अनुमान है कि अगले एक साल (चार तिमाहियों) में प्रति स्टोर ऑर्डर की संख्या करीब 30% बढ़ सकती है। ज्यादातर नए स्टोर अब सिर्फ 4 से 6 महीने में ही अपने खर्च निकाल (ब्रेकईवन) पा रहे हैं। इससे कंपनियों को भरोसा मिल रहा है कि आगे जाकर उनका मुनाफा और स्थिरता दोनों बढ़ेंगे।

क्या फूड डिलीवरी बाजार अब स्थिर हो गया है?

अब फूड डिलीवरी का बाजार काफी स्थिर हो गया है। यहां अब दो बड़ी कंपनियों का दबदबा है। यानी यह एक तरह का डुओपॉली मार्केट बन चुका है। ग्राहक भी अब इन ब्रांड्स के साथ जुड़ाव बनाए रखे हुए हैं और कंपनियों के बीच मार्केट शेयर में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं दिख रहा।

अनुमान है कि FY26–27 के दौरान पूरे सेक्टर की कुल ऑर्डर वैल्यू (GOV) में करीब 20 से 22 प्रतिशत की बढ़त होगी। इसका मतलब यह है कि यह इंडस्ट्री अब परिपक्व हो चुकी है, लेकिन फिर भी धीरे-धीरे और स्थिर रूप से आगे बढ़ रही है।

Eternal की रणनीति क्यों दिख रही है गेमचेंजर?

टारगेट प्राइस: ₹410

Eternal ने अपना बिजनेस मॉडल बदलकर शानदार नतीजे दिखाए हैं। अब यह इन्वेंटरी-लेड मॉडल पर काम कर रही है। यानी कंपनी खुद सामान खरीदकर बेचती है, सिर्फ कमीशन पर नहीं। इस बदलाव का असर साफ दिखा है। कंपनी की नेट रेवेन्यू में 90% तिमाही और 183% सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसकी क्विक कॉमर्स इकाई Blinkit ने Q2FY26 में 137% की साल-दर-साल वृद्धि की है। कंपनी का कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन भी 3.9% से बढ़कर 4.6% हो गया है, जिसमें इन्वेंटरी मॉडल का लगभग 80% योगदान है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में हेड ऑफ डेरिवेटिव्स एंड टेक्निकल्स, वेल्थ मैनेजमेंट चंदन तपाड़िया के मुताबिक, “Eternal का प्लेटफॉर्म अब बड़ा और ज्यादा मुनाफा देने वाला बन गया है। Blinkit भारतीय रिटेल और ग्रोसरी मार्केट में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह एक ‘जनरेशन डिसरप्शन’ साबित होगा।”

क्या Swiggy अब मुनाफा कमा पाएगा?

टारगेट प्राइस: ₹550

Swiggy अब अपने काम को ज्यादा असरदार और फायदे वाला बनाने पर ध्यान दे रही है। Q2FY26 में Swiggy ने अपना खर्च (कैश बर्न) आधा कर दिया। यानी 50% कम। कंपनी का प्लान है कि उसका Instamart बिजनेस FY27 की पहली तिमाही तक अपने खर्च निकाल ले (ब्रेकईवन)। अब Swiggy की नॉन-ग्रोसरी कैटेगरी (जैसे दूसरे सामान) का हिस्सा भी बढ़कर कुल ऑर्डर वैल्यू (GOV) का 26% हो गया है। साथ ही, कंपनी ₹100 अरब (10,000 करोड़ रुपये) की नई फंडिंग जुटा रही है, ताकि आगे की प्रतियोगिता में मजबूती बनी रहे।

चंदन तपाड़िया के मुताबिक, “Swiggy अब ज्यादा समझदारी और अनुशासन से काम कर रहा है। यह अपने पैसों का सही इस्तेमाल कर रहा है और आने वाले समय में इससे कंपनी को लंबी अवधि का फायदा मिलेगा।”

क्या यह नया दौर ‘बिना बर्न के ग्रोथ’ का संकेत है?

चंदन तपाड़िया का मानना है कि भारत का क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेक्टर अब संतुलित विकास के दौर में है। अब कंपनियों के बीच मुकाबला जरूर बढ़ेगा, लेकिन पहले जैसी बेफिजूल खर्च (कैश-बर्न) की स्थिति नहीं होगी। लाभ कमाने के नियम और तरीके अब स्पष्ट और टिकाऊ हो गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय सफलता का फॉर्मूला है –

  • स्मार्ट विस्तार
  • काम में दक्षता (एफिशिएंसी)
  • पूंजी का समझदारी से इस्तेमाल।

यानी अब खेल सिर्फ तेजी से बढ़ने का नहीं, बल्कि समझदारी से टिकाऊ तरीके से बढ़ने का है।

(डिस्क्लेमर: यह लेख मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में हेड ऑफ डेरिवेटिव्स एंड टेक्निकल्स, वेल्थ मैनेजमेंट चंदन तपाड़िया की राय पर आधारित है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें)

First Published - November 12, 2025 | 8:14 AM IST

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