लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कम्प्यूटर और अन्य समान डेटा प्रोसेसिंग उपकरणों पर सरकार द्वारा हाल में लगाए गए आयात संबंधित प्रतिबंध से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक निर्माण कंपनियों के शेयरों में बड़ी तेजी को बढ़ावा मिला।
निवेशकों ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज, ऑप्टीमस इन्फ्राकॉम, नेटवेब टेक और एचसीएल इन्फोसिस्टम्स के शेयरों में दिलचस्पी दिखाई जिससे पिछले दो कारोबारी सत्रों के दौरान इनमें 4 से 30 प्रतिशत के बीच तेजी दर्ज की गई।
घरेलू इलेक्ट्रॉनिक निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रयासों की वजह से इन शेयरों में मजबूती आई है। तुलनात्मक तौर पर सेंसेक्स और निफ्टी-50 का प्रदर्शन सपाट बना रहा। हालांकि विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि निवेशकों को तब तक इन शेयरों में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाना चाहिए जब तक कि हालात पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो जाते।
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जियोजित फाइनैंशियल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह ने कहा, ‘आयात पर सख्ती का दीर्घावधि में सकारात्मक असर देखा जा सकता है, क्योंकि ज्यादा संख्या में उत्पादन-केंद्रित रियायत (पीएलआई) योजनाएं और रियायतें पेश की गई हैं। लेकिन इस घटनाक्रम का कंपनियों पर तुरंत कोई बड़ा सकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। भविष्य में ऐसे कई प्रतिबंध अन्य बेहतर अवसरों में तब्दील हो सकते हैं। फिलहाल इससे संभावित लाभ हासिल होने की ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए, निवेश का निर्णय लेने से पहले हालात स्पष्ट होने दीजिए।’
इन उत्पादों का आयात प्रतिबंधित करने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत स्वयं को एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक निर्माता के तौर पर स्थापित करने और चीन से इलेक्ट्रॉनिक आयात घटाने पर जोर दे रहा है। आयात पर नियंत्रण के अलावा, सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के अपने दूसरे चरण को भी मंजूरी दी है जिसकी लागत 17,000 करोड़ रुपये है।
जून तिमाही में, इलेक्ट्रॉनिक देश का चौथा सबसे ज्यादा निर्यातित सेगमेंट बन गया और इस मामले में उसने केमिकल, ड्रग्स और फार्मास्युटिकल को पीछे छोड़ा। इस तेजी को मोबाइल फोन से मदद मिली, क्योंकि 2020 की पीएलआई योजना की मदद से इसमें शानदार वृद्धि दर्ज की गई।
ग्रीन पोर्टफोलियो पीएमएस के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी दिवम शर्मा ने कहा, ‘अब, इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में अन्य वस्तुओं को आयात नियंत्रण से मदद मिलेगी और नेटवेब तथा डिक्सन जैसी कंपनियों पर पहले से ही सकारात्मक असर दिख रहा है।’
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इस बीच, डिक्सन टेक ने अपनी जून तिमाही के नतीजों में कहा कि कंपनी आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना की दूसरी किस्त का हिस्सा होगी। वह लैपटॉप और टैबलेट निर्माण के लिए कुछ अन्य बड़े वैश्विक ब्रांडों के साथ भी चर्चा कर रही है।
मौजूदा समय में वह 500,000 यूनिट की सालाना क्षमता के साथ एसर इंडिया के लिए लैपटॉप निर्माण कर रही है। राजस्व वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में कुल इलेक्ट्रॉनिक निर्माण सेवा (ईएमएस) और मोबाइल खंड के 1,795 करोड़ रुपये के राजस्व में कंपनी के लैपटॉप सेगमेंट का योगदान 86 करोड़ रुपये रहा।
डिक्सन भी मोटोरोला और श्याओमी जैसे ब्रांडों के लिए स्मार्टफोन का निर्माण करती है और उसने जियो भारत फोन के लिए ऑर्डर हासिल किया है, जिससे वित्त वर्ष 2024 में करीब 1500 करोड़ रुपये का व्यवसाय दर्ज किया जा सकता है।