facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

Donald Trump inauguration: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट, भारत बॉन्ड मार्केट पर क्या होगा असर

Trump inauguration: रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्राइवेट बैंक के ट्रेडर ने कहा, 10 साल की अवधि वाले बॉन्ड यील्ड 6.71% से 6.76% के बीच रह सकती है।

Last Updated- January 21, 2025 | 10:41 AM IST
Representative image

डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद अमेरिकी बॉन्ड मार्केट में तेज हलचल देखने को मिल रही है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में 4.5 फीसदी से अधिक की गिरावट के चलते मंगलवार को भारतीय सरकारी बॉन्ड यील्ड में कमी देखने को मिली। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में बड़े टैरिफ नहीं लगाए हैं, जिससे नीतियों को धीरे-धीरे लागू करने का संकेत मिलता है।

10 साल के सरकारी बॉन्ड का यील्ड सुबह 10:05 बजे 6.7359% पर था, जो सोमवार के 6.7610% के मुकाबले कम है। कारोबार के दौरान यह यील्ड 6.7281% तक गिरा, जो 16 दिसंबर के बाद का सबसे निचला स्तर है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी बैंक के ट्रेडर ने कहा, “फिलहाल बॉन्ड की कीमतों में राहत की रैली देखी जा रही है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन की नई नीतियों को लेकर निवेशकों में सतर्कता बनी रहेगी। किसी बड़े ऐलान का असर बाजार पर दिख सकता है।”

यह भी पढ़ें: Trump inauguration: डॉनल्ड ट्रंप ने ली 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ, कहा- ‘मैं वापस आ गया हूं’

लोकल बॉन्ड की कीमतों में राहत रैली की उम्मीद, ट्रंप की नीतियों का असर सीमित

एक ट्रेडर ने बताया कि फिलहाल लोकल बॉन्ड की कीमतों में कुछ राहत देखने को मिल सकती है क्योंकि ट्रंप ने अभी तक कोई ऐसी बड़ी घोषणा नहीं की है जो महंगाई पर असर डाल सके। इसी कारण अमेरिकी ट्रेजरी में सकारात्मक रुख देखा जा रहा है।

ट्रेडर ने आगे कहा कि “सरकार द्वारा रीपो इनफ्यूजन की मात्रा बढ़ाने और एक और बॉन्ड बायबैक की घोषणा भी बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं।”

यह भी पढ़ें: TikTok ban: US के राष्ट्रपति बनते ही Trump का बड़ा फैसला, टिकटॉक को मिला 75 दिनों का अल्टीमेटम

कनाडा-मैक्सिको पर 25% टैरिफ

Donald Trump ने व्हाइट हाउस में दोबारा कार्यभार संभालते ही टैरिफ की नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि वह 1 फरवरी से पहले कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं। क्योंकि ये देश सीमा पर बड़ी संख्या में लोगों को आने-जाने दे रहे हैं। हालांकि, ट्रंप ने किसी अन्य टैरिफ से जुड़ी घोषणा नहीं की।

अगर यह फैसला लागू होता है, तो अमेरिका और उसके पड़ोसी देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है। ट्रंप ने इस दौरान इमिग्रेशन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नियमों से संबंधित कई कार्यकारी आदेश भी पेश किए।

इस बीच, ट्रेजरी यील्ड में गिरावट देखी गई क्योंकि शुरुआती घोषणाओं से महंगाई बढ़ने की संभावना नहीं है।

एशियाई ट्रेडिंग घंटों के दौरान 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में मंगलवार को छह बेसिस प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई और यह लगभग 4.55% पर आ गया।

यह भी पढ़ें: Stock Market Today: ट्रंप के US राष्ट्रपति बनने के बाद एशियाई बाजारों में तेजी; जानें कैसी होगी शेयर मार्केट की शुरुआत

अमेरिकी रेट फ्यूचर्स के अनुसार, 2025 में 43 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दर कटौती की उम्मीद की जा रही है, जो पहले ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले 39 बेसिस प्वाइंट थी। इसके अलावा, बाजार ने अनुमान लगाया है कि जून में अगली ब्याज दर कटौती की 66% संभावना है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का ध्यान फिलहाल लिक्विडिटी मैनेजमेंट पर है। इसके तहत, डेली रेपो ऑक्शन के ज़रिए बैंकों की ओवरनाइट कैश मैनेजमेंट की समस्या हल की जा रही है। हालांकि, यह प्रक्रिया लंबे समय तक टिकने वाली लिक्विडिटी नहीं देते।

केंद्र सरकार ने भी लगातार तीसरे हफ्ते में डेट बायबैक का ऐलान किया है, जो बाजार में तेजी के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।

कच्चे तेल और डॉलर का असर: भारतीय बाजार पर बढ़ता दबाव

ब्रेंट क्रूड की कीमतें $80 प्रति बैरल के पार पहुंच गई हैं। इसका कारण अमेरिका द्वारा रूस के तेल पर लगाए गए कड़े प्रतिबंध हैं। दूसरी ओर, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में तेजी जारी है। दिसंबर में अमेरिका के नौकरी के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे, जिससे बाजार में हलचल मच गई।

रुपया सोमवार को 86.6750 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिर गया, जो दो साल की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट है। डॉलर के मजबूत होने से शेयर बाजार से पैसा निकल रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक का दखल भी कम नजर आ रहा है।

आगे की स्थिति क्या होगी?

बुधवार को अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होंगे, जो वैश्विक बाजार के लिए अहम साबित हो सकते हैं। अगर इन आंकड़ों से कोई बड़ा झटका आता है, तो भारतीय बाजार भी इससे प्रभावित हो सकता है।

हालांकि, भारत के लिए राहत की बात यह है कि खुदरा महंगाई दर 5.22% पर आ गई है, जो पहले के 5.48% से कम है।

निवेशकों की चिंता

रुपये की कमजोरी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड की तेजी ने भारतीय बाजार की चिंताओं को बढ़ा दिया है। निवेशक अब अमेरिकी और भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े आगामी आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं। जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती, बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।

First Published - January 21, 2025 | 10:11 AM IST

संबंधित पोस्ट