MSCI Global Standard Index: हालिया संशोधन के बाद एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में भारत ने चीन के साथ अंतर घटा लिया है। यह इंडेक्स निवेशकों के लिए उभरते बाजारों के शेयरों को ट्रैक करता है।
सूचकांक प्रदाता एमएससीआई ने भारत का भारांक मंगलवार को अब तक के सर्वोच्च स्तर 18.2 फीसदी पर पहुंचा दिया, जिससे विश्लेषक करीब 1.2 अरब डॉलर का निवेश आने की संभावना जता रहे हैं।
इसकी तुलना में चीन का इंडेक्स में भारांक घटकर 25.4 फीसदी रह गया, जो एक साल पहले 26.6 फीसदी था। अगस्त 2020 के बाद से भारत व चीन के शेयरों के भारांक करीब आने का मामला गहराया, जब चीन का भारांक भारत से पांच गुना था।
एमएससीआई का संशोधन 29 फरवरी को बाजार बंद होने के बाद प्रभावी होगा। फरवरी की समीक्षा से पहले भारतीय शेयरों का भारांक इंडेक्स में 17.9 फीसदी रहा है।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च ने एक नोट में कहा, साल 2024 की शुरुआत में भारत का एमएससीआई इंडेक्स में भारांक 20 फीसदी के पार निकल सकता है, जिसकी वजह देसी संस्थागत निवेशकों से लगातार निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की स्थिर भागीदारी है।
एमएससीआई ने पांच भारतीय शेयरों को अपने ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया है और किसी को बाहर नहीं निकाला है। उधर चीन के 66 शेयरों को बाहर निकालकर पांच शेयरों को शामिल किया गया है।
पीएनबी, यूनियन बैंक को लार्जकैप श्रेणी में शामिल किया गया है, वहीं बीएचईएल और एनएमडीसी को मिडकैप श्रेणी में। जीएमआर इन्फ्रा को स्मॉलकैप से मिडकैप श्रेणी में लाया गया है।
नुवामा ने कहा, फरवरी की समीक्षा के बाद भारत को 1.2 अरब डॉलर का पैसिव विदेशी निवेशमिल सकता है। करीब 27 स्मॉलकैप शेयरों को एमएससीआई डोमेस्टिक इंडेक्स में शामिल किया गया है जबकि छह को अन्य श्रेणियों में जोड़ा गया है या बाहर निकाला गया है।