कई एक्सचेंजों के अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा कि अमेरिका में सिल्वरगेट बैंक, सिलिकन वैली बैंक (SVB) और सिग्नेचर बैंक के बंद होने से नकदी को लेकर अस्थायी तौर पर समस्याएं पैदा हो सकती हैं, लेकिन इसका लंबी अवधि में किसी भारतीय क्रिप्टो बाजार पर व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इन तीनों बैंकों को क्रिप्टो बाजारों के लिए अनुकूल समझा जाता है। SVB क्रिप्टोकरेंसी कस्टडी और उधारी जैसी सेवाएं पेश करता था। वहीं सिल्वरगेट बैंक को क्रिप्टो उद्योग के लिए बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए जाना जाता था। उसने एक्सचेंजों और अन्य व्यवसायों को उन कई क्रिप्टोकरेंसी में जमाएं सक्षम बनाने के लिए प्लेटफॉर्म बनाया, जिनका इस्तेमाल कारोबार और अन्य गतिविधियां आसान बनाने में किया जा सकेगा।
सिग्नेचर बैंक के ब्लॉकचेन-आधारित पेमेंट प्लेटफॉर्म ‘सिग्नेट’ से उपयोगकर्ताओं को अपना पैसा बगैर किसी शुल्क के तेजी से स्थानांतरित करने में मदद मिलती है।
क्रिप्टो फर्म मुद्रेक्स के मुख्य कार्याधिकारी एवं सह-संस्थापक एदुल पटेल ने कहा, ‘इस संकट का भारत-केंद्रित क्रिप्टो बाजार पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।’
क्रिप्टो प्लेटफॉर्म कॉइनएक्स के संस्थापक पुनीत अग्रवाल ने कहा, ‘जहां तक भारतीय क्रिप्टो बाजार का सवाल है, भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर प्रत्यक्ष जोखिम नहीं पड़ सकता है।’
शुक्रवार को अमेरिकी नियामकों द्वारा SVB बंद किए जाने के बाद, क्रिप्टो बाजार में गिरावट आ गई। बिटकॉइन गिरकर 20,000 डॉलर से नीचे पहुंच गई और कुल क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण घटकर 914 अरब डॉलर रह गया। सप्ताहांत में, क्रिप्टो फर्म सर्किल ने घोषणा की कि SVB में उसकी 3.3 अरब डॉलर की जमाएं थीं। ये जमाएं उसकी यूएसडी कॉइन मुद्रा के लिए थीं।
हालांकि फेडरल रिजर्व, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) और अमेरिकी ट्रेरी ने निवेशकों की चिंताएं दूर करने में तत्परता दिखाई है। उनके द्वारा जारी बयानों में कहा गया है कि सभी जमाकर्ता SVB में जमा अपने पैसे तक पहुंच बनाने में सक्षम होंगे और करदाताओं को नुकसान उठाना नहीं पड़ेगा।
क्रिप्टो बाजार में फिर से सुधार देखा गया। बाजार आंकड़े के अनुसार, सोमवार को बिटकॉइन में 24,000 डॉलर से ऊपर, यूएसडीसी मुद्रा में 0.999 डॉलर पर कारोबार हुआ और कुल क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण में तेजी आई।
क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनस्चिव में क्रिप्टो इकोसिस्टम प्रमुख पार्थ चतुर्वेदी ने कहा, ‘SVB में लेनदेन बंद होने से सप्ताहांत के दौरान यूएसडीसी में 10 प्रतिशत की बड़ी कमजोरी दर्ज की गई, जिसकी वजह से सभी क्रिप्टो बाजारों में बिकवाली को बढ़ावा मिला। लेकिन फेडरल रिजर्व और अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा SVB में ग्राहक जमाओं के संबंध में आश्वासन दिए जाने के बाद क्रिप्टो बाजार में सुधार देखा गया।’
उन्होंने कहा, ‘इस संकट की वजह से अल्पावधि तरलता संबंधित समस्या पैदा हो सकती है, क्योंकि इन बैंकों ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों में डॉलर के लिए सेतु का काम किया।’ कई कंपनियों का कहना है कि मौजूदा घटनाक्रम के परिणामस्वरूप क्रिप्टो विनियमन का मुद्दा फिर से गहरा सकता है।
हालांकि निवेशकों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में हुए घटनाक्रम से वे क्रिप्टो उद्योग को लेकर अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं।
पिछले 6 साल से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले हिमांशु (नाम बदला हुआ) ने कहा, ‘क्रिप्टो बाजार अब पहले जैसा नहीं रह गया है। बिटकॉइन आठ महीनों से 25,000 डॉलर के नीचे है। कर, एफटीएक्स में संकट और उसके बाद बाजार में आई गिरावट की वजह से मैं क्रिप्टो परिसंपत्तियों में निवेश को लेकर पहले से ही अनिश्चित महसूस कर रहा हूं।’
अन्य निवेशक विभा गुप्ता ने कहा कि सिल्वरगेट और SVB बंद होने से अनिश्चितता बढ़ गई है। विभा गुड़गांव में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करती हैं।