जिंसों की कीमतें मंगलवार को लुढ़क गईं क्योंंकि दुनिया भर में कोविड के बढ़ते मामलों से एक बार फिर लॉकडाउन की संभावना बन रही है। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर में पेइचिंग के अधिकार को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया। सोना, चांदी, तेल और तांबे आदि में वैश्विक स्तर पर व भारत में एमसीएक्स पर काफी गिरावट आई। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के बाद जिंसों की गिरावट मामूली तौर पर थमी। रुपये में गिरावट से इन जिंसों का आयात महंगा हो गया।
एमसीएक्स पर कच्चा तेल व चांदी सोमवार रात के बंद स्तर से 1.7 फीसदी टूटा, वहीं सोना 0.6 फीसदी फिसल गया। धातुओं में जस्ते व सीसे में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
बाजार के विशेषज्ञों ने हालांकि कहा कि इस गिरावट की वजह मुनाफावसूली है। कॉमट्रेंड्ज रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, इस गिरावट की वजह मुनाफावसूली और अमेरिका-चीन के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में जोखिम लेने से कुछ परहेज हो सकती है।
ओपेक की तरफ से जून में उत्पादन में कटौती का विस्तार किए जाने के बाद पिछले एक महीने में कच्चे तेल की कीमतों में खासा सुधार आया था, लेकिन अब ट्रेडरों को डर है कि आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन से आर्थिक सुधार बाधित होगा और फिर तेल की मांग घटेगी। वैश्विक स्तर पर तेल करीब 2 फीसदी फिसला, लेकिन एमसीएक्स पर उसमें कम गिरावट आई।
ज्ञानशेखर ने कहा, कोरोना के बढ़ते मामले, भूराजनैतिक तनाव, कम ब्याज दर और अमेरिकी चुनाव को लेकर अनिश्चितता सोने व चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का मजबूत आधार बना रही है। हालांकि धातु व ऊर्जा के मामले मेंं भी ऐसा ही हो सकता है, जो शुद्ध रूप से आपूर्ति की समस्या के कारण चढ़ रहे थे। अभी भी मांग कोविड के पहले के स्तर पर नहीं पहुंची है, ऐसे में हालिया तेजी पर सुस्ती की छाया पडऩे की संभावना है।