Budget for EV Industry: भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण तंत्र जैसी अत्याधुनिक तकनीक का प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लीथियम, निकल, कॉपर और कोबाल्ट सहित 25 प्रमुख खनिजों पर सीमा शुल्क हटाने की घोषणा की।
केंद्र ने मार्च 2026 तक के लिए ली-ऑयन सेल पर 5 प्रतिशत रियायती सीमा शुल्क का विस्तार किया है और इसके साथ ही प्रमुख खनिजों के घरेलू उत्पादन और इनकी रिसाइक्लिंग के लिए महत्वपूर्ण खनिज अभियान (सीएमएम) की पेशकश की है।
हालांकि उद्योग के अधिकारियों का मानना है कि आयात की शर्तों में छूट और CMM से सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल में तेजी आएगी लेकिन उनका मानना है कि इसका लाभ दीर्घावधि में मिलेगा। उनका यह भी कहना है कि बजट उद्योग को तात्कालिक राहत देने से चूक गई।
अमर राजा एनर्जी ऐंड मोबिलिटी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जयदेव गल्ला ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘लिथियम पर सीमा शुल्क से छूट एक स्वागत योग्य कदम है और कुछ प्रोत्साहनों की घोषणा से देश के ईवी तंत्र में और तेजी आएगी तथा ईवी को ज्यादा अपनाए जाने का स्वागत है।’
सरकार के इस कदम से लंबी अवधि में वाहनों की लागत में कमी आने की उम्मीद है और क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इसका लघु अवधि में न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा। एनआरआई कंसल्टिंग ऐंड सॉल्यूशंस में सीएएसई और ऑल्टरनेट पावरट्रेंस में विशेषज्ञ प्रीतेश सिंह का कहना है, ‘लघु अवधि में उद्योग बैटरियों का आयात कर रहा है और बिना घरेलू प्रसंस्करण उद्योग के केवल कच्चे माल पर शुल्क हटाने से क्षेत्र को लाभ नहीं मिलने वाला है। सरकार की पहल का लाभ उठाने के लिए उद्योग को महत्वपूर्ण खनिज अभियान के तहत प्रमुख खनिज प्रसंस्करण और रिफाइनिंग क्षमता का विकास करना होगा।’
जिप्प इलेक्ट्रिक की सह संस्थापक राशि अग्रवाल ने कहा, ‘हमने फेम 3 नीति और ईवी क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन की घोषणा की उम्मीद की थी। लेकिन बजट में इसे शामिल नहीं किया गया। हमें उम्मीद है कि सरकार मौजूदा योजना के इस महीने एक्सपायर होने से पहले ही सुदूर इलाकों में सेवाएं देने पर कर को कम करने या खत्म करने से जुड़े स्पष्टीकरण देगी।’
खान मंत्रालय ने अब तक महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक में कुल 50 से अधिक ब्लॉक की चार चरणों में नीलामी की है। इन पहलों के बावजूद खनन कंपनियां, देश में प्रसंस्करण और रिफाइनिंग उद्योग की कमी के चलते इसमें हिस्सा लेने से परहेज करती रही हैं और सतर्कता बरत रही हैं।
कीव के सीनियर प्रोग्राम लीड ऋषभ जैन ने कहा, ‘देश में सीएमएम की घोषणा से महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला की क्षमता तैयार करने के लिए निजी और सरकारी कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा।’लीथियम, क्रोमियम, निकेल, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, अक्षय ऊर्जा, रक्षा और उच्च प्रौद्योगिकी दूरसंचार क्षेत्र के लिए अहम कच्चा माल होते हैं।