वाहन कंपनियों के शेयरो में मंगलवार को तेजी दर्ज की गई। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) का शेयर बीएसई पर दिन के कारोबार में 5.15 प्रतिशत तक चढ़ गया था। इस शेयर ने मंगलवार को 2,169.25 रुपये का ऊंचा स्तर छुआ और बीएसई तथा एनएसई पर टॉप गेनर रहा। कंपनी द्वारा एसयूवी –एक्सयूवी 3एक्सओ को 7.49 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर पेश किए जाने के बाद उसके शेयर में यह तेजी आई है।
3एक्सओ की पेशकश के बाद एमऐंडएम ने करीब तीन साल में कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में शीर्ष दो कंपनियों में शामिल होने का लक्ष्य रखा है। विश्लेषक इस पेशकश को टाटा मोटर्स की नेक्सोन, ह्युंडै वेन्यू और मारुति सुजूकी ब्रेजा (सब-फोर मीटर सेगमेंट में) पर एमऐंडएम की बढ़त के तौर पर देख रहे हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज में वाहन क्षेत्र पर नजर रखने वाले वरिष्ठ शोध विश्लेषक अश्विन पाटिल ने कहा, ‘एमऐंडएम ने सब-4 मीटर एसयूवी सेगमेंट में अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाने के लिए अवसरों की पहचान की है। इस सेगमेंट में फिलहाल टाटा पंच और टाटा नेक्सन जैसी सीमित प्रतिस्पर्धा है। एसयूवी खंड में अपनी 50 प्रतिशत से ज्यादा यात्री वाहन भागीदारी के साथ एमऐंडएम नई एक्सयूवी 3एक्सओ एसयूवी को पेश कर अपनी दक्षता का इस्तेमाल कर रही है।’
मारुति सुजूकी का शेयर भी 2.31 प्रतिशत चढ़कर 12,990 रुपये पर पहुंच गया। तुलना करें तो बीएसई ऑटो सूचकांक दिन के कारोबार में 2.34 प्रतिशत चढ़कर 51,389.34 के स्तर पर पहुंचा। विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में वाहन क्षेत्र में तेजी का रुझान अल्पावधि में बरकरार रहने की संभावना है क्योंकि कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और इंटरनल कम्बश्चन इंजन (आईसीई) कारों दोनों पर ध्यान दे रही हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह ने कहा, ‘नए मॉडलों की पेशकश और मजबूत मांग से वाहन क्षेत्र में सकारात्मक रुझान रहेगा। एसयूवी की बढ़ती मांग उपभोक्ताओं द्वारा पारंपरिक ईंधन दक्षता की तुलना में सुरक्षा और आराम के प्रति प्राथमिकता को दर्शाती है।’
रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि वाहन उद्योग की मांग चालू वित्त वर्ष 2025 के दौरान मजबूत बनी रहेगी, क्योंकि लगभग सभी सेगमेंट में वृद्धि बरकरार है। एजेंसी ने यात्री वाहन सेगमेंट वित्त वर्ष 2025 में सालाना आधार पर 3-6 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान जताया है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटी को अल्पावधि में पीवी उद्योग की बिक्री (घरेलू) अप्रैल 2024 में दो अंक में रहने का अनुमान है। इसे ग्रामीण/शहरी इलाकों में मजबूत मांग और पिछले ऑर्डरों से मदद मिलेगी।