साल 2025 के पहले छह महीने यानी जनवरी से जून (H1CY25) तक भारत के प्राइमरी मार्केट में IPO का प्रदर्शन फीका रहा है। Business Standard के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान कुल 19 कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुईं, जिनमें से 10 कंपनियों के शेयर इस समय अपनी लिस्टिंग कीमत से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। यानी लगभग 53 प्रतिशत IPOs में निवेशकों को नुकसान हुआ है। इन 19 कंपनियों ने मिलाकर ₹29,834 करोड़ जुटाए, लेकिन लिस्टिंग के बाद निवेशकों को उम्मीद के मुकाबले कम रिटर्न मिले।
लिस्टिंग प्राइस से नीचे ट्रेड कर रही 10 कंपनियों में शामिल हैं:
Stallion India Fluorochemicals, Indo Farm Equipment, Laxmi Dental, Denta Water and Infra Solution, Borana Weaves, Ather Energy, Standard Glass Lining Technology, Schloss Bangalore, Belrise Industries और Arisinfra Solutions।
इनमें से ज़्यादातर कंपनियों के शेयर उनकी IPO इश्यू प्राइस से भी नीचे चल रहे हैं। केवल Laxmi Dental, Borana Weaves और Standard Glass के शेयर फिलहाल इश्यू प्राइस से ऊपर हैं।
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SME यानी स्मॉल एंड मिड कैप कंपनियों के IPO में भी हाल कुछ अलग नहीं रहा। अब तक 2025 में SME सेगमेंट में 82 कंपनियों ने लिस्टिंग की, और उन्होंने मिलाकर ₹3,645 करोड़ जुटाए। इनमें से 46 कंपनियों के शेयर लिस्टिंग प्राइस से नीचे चल रहे हैं, जबकि 45 कंपनियां इश्यू प्राइस से भी नीचे फिसली हैं।
SBICap Securities के सनी अग्रवाल के मुताबिक ज़्यादातर IPO इतने सटीक दाम पर लाए गए कि निवेशकों को कोई ‘लिस्टिंग गेन’ का मौका नहीं मिला। यानी कंपनियों ने इतनी ऊंची कीमतों पर शेयर बेचे कि नए निवेशकों को कमाई का स्कोप नहीं बचा।
Mehta Equities के प्रशांत तापसे का कहना है कि कई IPOs ऐसी कंपनियों के थे जिनकी आय और मुनाफे में भविष्य को लेकर कोई ठोस अनुमान नहीं था। जब कंपनियां लिस्ट हुईं तो उनसे उम्मीदें ज़्यादा थीं, लेकिन IPO के बाद रिजल्ट कमजोर आए, जिससे उनके शेयरों में गिरावट आई।
H1CY25 में सेकेंडरी मार्केट में भी उतार-चढ़ाव रहा, जिसकी वजह से IPOs में निवेश करने वाले खासकर रिटेल निवेशक जल्दी मुनाफा बुक करके बाहर निकलते रहे। इसकी वजह से IPO के बाद लंबी तेजी देखने को नहीं मिली। तापसे के मुताबिक, निवेशक अब सुरक्षा को मुनाफे से ऊपर रख रहे हैं, और ज़्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते।
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विश्लेषकों की राय इस बात पर बँटी हुई है कि साल के बचे हुए छह महीने यानी H2CY25 में IPO मार्केट में क्या होगा। अग्रवाल का मानना है कि अभी भी बाजार में अच्छी लिक्विडिटी है, और प्रमोटर्स तथा मर्चेंट बैंकर्स इसका फायदा उठाएंगे। यानी IPOs की संख्या अच्छी रह सकती है। लेकिन तापसे सलाह देते हैं कि निवेशकों को अब संयम से काम लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि H2 में IPOs ज़रूर आएंगे, लेकिन निवेशक अब चुनिंदा कंपनियों में ही पैसा लगाएंगे और वैल्यूएशन को लेकर ज़्यादा सतर्क होंगे।
अग्रवाल का मानना है कि Standard Glass आने वाले समय में अच्छा रिटर्न दे सकती है। फार्मा और केमिकल सेक्टर में कैपेक्स बढ़ने से इस कंपनी को फायदा मिल सकता है। वहीं Quality Power को उन्होंने ‘buy-on-dips’ यानी गिरावट में खरीदने लायक बताया, क्योंकि पावर एंसिलरी सेगमेंट में इसकी स्थिति मजबूत है। इसके अलावा Oswal Pumps और Belrise Industries पर भी वे बुलिश हैं। तापसे ने Belrise Industries, Ajax Engineering और Oswal Pumps को निवेश के लायक बताया।
उनके मुताबिक Belrise की ऑटो कंपोनेंट्स में अच्छी पकड़ है और एक्सपोर्ट क्षमता भी मजबूत है। Ajax Engineering का इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑर्डर बुक अच्छा है और ये भारत के कैपेक्स साइकिल से फायदा उठा सकती है। वहीं Oswal Pumps सेमी-अर्बन और रूरल मार्केट्स में अच्छी पकड़ रखती है।