यूबीएस द्वारा शेयर को डाउनग्रेड करने के बाद सोमवार को ऑस्ट्रेलिया में सूचीबद्ध जीक्यूजी पार्टनर के शेयर में 13 फीसदी की गिरावट आई और कहा गया है कि अमेरिका में अदाणी समूह के अधिकारियों पर रिश्वत देने और भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद दो दिन में कंपनी के प्रबंधनाधीन फंड में 60 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी 39 करोड़ डॉलर का नुकसान हो गया होगा।
जीक्यूजी अदाणी समूह की कंपनियों में प्रमुख निवेशक है। अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी और कंपनी के सात अन्य लोगों पर अमेरिका में रिश्वत देने का आरोप लगा है। हालांकि, अदाणी समूह ने कहा है कि सभी आरोप निराधार हैं और हर संभव कानूनी मदद लेंगे।
यूबीएस ने जीक्यूजी को खरीदें से तटस्थ रेटिंग में डाउनग्रेड कर दिया है और शेयर का लक्षित मूल्य भी 3.30 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से कम कर 2.30 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर कर दिया है। कंपनी के शेयर आखिर में 2.07 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर पर कारोबार कर रहे थे। बैंक के विश्लेषकों ने कहा है कि दो दिन में 60 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर निकलने का उनका आकलन जीक्यूजी द्वारा अपने निवेशकों को भेजे गए संदेश पर आधारित था। मगर विश्लेषकों ने यह भी कहा है कि नवंबर में अदाणी समूह में जीक्यूजी के निवेश पर प्रदर्शन के असर को लेकर वे काफी पद तक सहज थे।
विश्लेषकों ने यह भी नोट किया कि नवंबर में अदाणी समूह से जुड़ी खबरें आने से पहले ही जीक्यूजी में निवेश धीमा हो गया था। कंपनी को आने वाले समय में भी निवेश में धीमी वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, जीक्यूजी ने विश्लेषकों के डाउनग्रेड पर तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है। इस बीच, अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर आरोप लगने के बाद से हुए अपने सारे नुकसान की भरपाई करते हुए सोमवार को 9.4 फीसदी तक चढ़ गए।
उल्लेखनीय है कि अदाणी समूह की अदाणी ग्रीन एनर्जी ही विवाद के केंद्र में थी। अमेरिका अधिकारियों ने गौतम अदाणी, उनके भतीजे और कंपनी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और अदाणी ग्रीन के प्रबंध निदेशक विनीत जैन पर भारत में ऊर्जा आपूर्ति ठेका हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।