गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। हालांकि, बाजार की कीमतें सितंबर 2024 में अपने ऊंचे स्तर से काफी नीचे आ गई हैं। निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे ऐसी कंपनियों में पैसा लगाएं, जो अच्छी कमाई कर रही हैं और आगे भी बढ़ने की संभावना रखती हैं। फर्म ने भारत को उभरते बाजारों में ‘मार्केटवेट’ रेटिंग दी है, जिसका मतलब है कि वे भारतीय बाजार को न ज्यादा अच्छा मान रहे हैं और न ही कमजोर।
छोटे और मिड-साइज शेयरों में ज्यादा निवेश से बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों की कमाई में सुधार होने लगा है। लेकिन बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव रहेगा क्योंकि स्मॉल और मिड-साइज कंपनियों में बहुत ज्यादा निवेश हुआ है। इसके अलावा, अमेरिका और अन्य देशों की व्यापार नीतियों को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे बाजार प्रभावित हो सकता है।
गोल्डमैन सैक्स के पसंदीदा 10 शेयर
गोल्डमैन सैक्स ने 10 ऐसे शेयरों की पहचान की है जो अगले 12 महीनों में औसतन 23% तक का मुनाफा दे सकते हैं। इनमें एचडीएफसी बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), MMYT, इंडिगो, अदाणी पोर्ट्स & SEZ, पावर ग्रिड, अपोलो हॉस्पिटल्स, टाइटन और जीसीपीएल शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों को अपने-अपने सेक्टर में अच्छा फायदा मिल रहा है और ये या तो अच्छी खबरों के कारण या फिर मजबूत कमाई की वजह से अच्छा मुनाफा दे सकती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन कंपनियों की कमाई 2025-27 के दौरान औसतन 25% बढ़ सकती है और इनका औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 24% तक हो सकता है।
शेयर बाजार में गिरावट और कमाई पर असर
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, निफ्टी 50 सितंबर 2024 के हाई से 10% गिर चुका है। इसकी वजह यह है कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई है और कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा है। इसके अलावा, 2026 तक कंपनियों की कमाई (EPS) के अनुमानों में भी औसतन 7% की कटौती की गई है।
अर्थव्यवस्था धीमी जरूर है, लेकिन सुधार संभव
गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में यह सुस्ती स्थायी नहीं है, बल्कि यह कुछ समय के लिए आई है। इसका कारण 2023 में लागू किए गए सख्त बैंकिंग नियम, ऊंची ब्याज दरें और सरकार द्वारा खर्च में की गई कटौती है। हालांकि, हाल ही में सरकार ने बजट में टैक्स में छूट दी है और आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है, जिससे 2025 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 6.4% तक पहुंचने की उम्मीद है।
अमेरिकी टैरिफ का खतरा बना हुआ
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर अमेरिका भारत पर नए टैक्स (टैरिफ) लगाता है, तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार प्रभावित हो सकते हैं। इससे बाजार में और ज्यादा उतार-चढ़ाव आ सकता है और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत होगी।