बुधवार को अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई। अदाणी ग्रीन एनर्जी (AGEL), अदाणी टोटल गैस (ATGL) और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर बीएसई पर 7 से 14 प्रतिशत तक चढ़ गए। वहीं अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पावर और अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) के शेयरों में भी 3 से 5 प्रतिशत तक की तेजी रही। इसके मुकाबले बीएसई सेंसेक्स में 0.32 प्रतिशत की मामूली बढ़त देखी गई और यह 84,898 पर पहुंच गया। हालांकि आज की इस तेजी के बावजूद, अदाणी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयर अब भी अपने 52 हफ्तों के हाई से करीब 33 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे हैं।
अदाणी ग्रुप की कंपनियों ने सितंबर तिमाही (Q2FY26) में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) ने भी साफ कहा है कि उसे सरकार से अदाणी ग्रुप में निवेश करने के लिए कोई आदेश नहीं मिला। एलआईसी ने बताया कि उसके सभी निवेश के फैसले स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं और हर निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल की जाती है। इस बात से निवेशकों को भरोसा मिला है और उनका मनोबल बढ़ गया है, इसलिए उन्होंने अदाणी ग्रुप के शेयरों में फिर से निवेश बढ़ाना शुरू किया है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर बुधवार को 14 प्रतिशत बढ़कर ₹1,145 तक पहुंच गया। कंपनी ने सितंबर तिमाही में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। उसका मुनाफा 25 प्रतिशत बढ़कर ₹644 करोड़ हो गया, जो पिछले साल ₹515 करोड़ था। कंपनी की कुल आमदनी लगभग समान रही, ₹3,008 करोड़ के मुकाबले ₹3,005 करोड़, लेकिन बिजली बेचने से होने वाली आमदनी 20 प्रतिशत बढ़कर ₹2,776 करोड़ हो गई।
कंपनी का मुनाफा (EBITDA) भी 18 प्रतिशत बढ़कर ₹2,603 करोड़ हो गया और मुनाफे का मार्जिन 72.2 प्रतिशत से बढ़कर 86.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। यह बढ़त कंपनी की नई परियोजनाओं, आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल और गुजरात के खवड़ा व राजस्थान में नई यूनिटों के शुरू होने की वजह से हुई। अब कंपनी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 16.7 गीगावॉट हो गई है, जो पिछले साल से 49 प्रतिशत ज्यादा है।
अदाणी टोटल गैस के शेयर में बुधवार को 9 प्रतिशत की बढ़त हुई और यह ₹675 तक पहुंच गया। सितंबर तिमाही में कंपनी का कारोबार अच्छा रहा। कंपनी की सीएनजी (CNG) की बिक्री 18 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) की बिक्री में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह बढ़त इसलिए हुई क्योंकि कंपनी ने अपना गैस नेटवर्क बढ़ाया और घरेलू व व्यावसायिक ग्राहकों की मांग भी बढ़ी।
कंपनी की कुल आमदनी 19 प्रतिशत बढ़ी, लेकिन गैस की लागत 29 प्रतिशत बढ़ गई, क्योंकि सस्ती गैस की जगह अब महंगी गैस का इस्तेमाल हुआ। इसके बावजूद, कंपनी ने कीमतें समझदारी से तय कीं और खर्चों को कंट्रोल में रखा, जिसकी वजह से कंपनी को ₹302 करोड़ का EBITDA (मुनाफा) हुआ। इससे पता चलता है कि कंपनी ने मुश्किल हालात में भी अच्छा प्रदर्शन किया।