विभिन्न डिपोजिटरी द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय डीमैट खातों की संख्या पिछले 12 महीनों में 63 प्रतिशत बढ़कर 8.97 करोड़ पर पहुंच गई।
यह वृद्घि स्मार्टफोन इस्तेमाल में वृद्घि, ग्राहकों का डिजिटल के प्रति लगाव और इक्विटी बाजारों द्वारा आकर्षक प्रतिफल की वजह से संभव हुई है। 31 मार्च को, सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विसेज इंडिया (सीडीएसएल) 37.2 लाख करोड़ रुपये की ऐसेट अंडर कस्टडी (एयूसी) के साथ 6.3 करोड़ खातों का प्रबंधन करने में सफल रही थी। इस बीच, नैशनल सिक्युरिटी डिपोजिटरी (एनएसडीएल) ने 302 लाख करोड़ रुपये की एयूसी के साथ 2.67 करोड़ खातों का प्रबंधन किया।
महामारी के बाद के समय मेंं, डीमैट खातों की संख्या 2.2 गुना बढ़ी है, जबकि एयूसी भी दोगुनी हुई है।
अपस्टॉक्स के मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार ने कहा, ‘महामारी से दुनिया में हर किसी को अपने खर्च और निवेश आदतों पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। स्मार्टफोन की व्यापक उपलब्धता और सस्ते डेटा से डिजिटल माध्यमों के जरिये निवेश एवं ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला है। ईकेवाईसी और आधारईसाइन के इस्तेमाल से डीमैट खाते खोलने की प्रक्रिया पेपरलेस और आसान हुई है।’
पिछले 12 महीनों में बाजार में मार्च 2020 के कोविड-19 में निचले स्तरों से अच्छी तेजी आई। वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी 19 प्रतिशत बढ़ा, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 25 प्रतिशत तथा 29 प्रतिशत की तेजी आई। विश्लेषकों का कहना है कि अन्य परिसंपत्ति वर्गों के मुकाबले आकर्षक प्रतिफल से भी निवेशक इक्विटी बाजार की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं।
प्रभुदास लीलाधर में अर्थशास्त्री और कांट विश्लेषक रीतिकता छाबड़ा ने कहा, ‘देयर-इज-नो-अल्टरनेटिव’ (टीआईएनए कारक) इक्विटी बाजारों में मंत्र बन गया है जिससे शेयरों में भारी तेजी को बढ़ावा मिल रहा है। पिछले दो साल के दौरान आई इस तेजी ने उन उम्मीदों के साथ नए छोटे निवेशक आकर्षित हुए हैं कि उन्हें बॉन्डों या निर्धारित जमा निवेश के बजाय ज्यादा प्रतिफल मिलेगा। डीमैट खातों की संख्या में वृद्घि का अन्य कारण जीरोधा और अपस्टॉक्स जैसे डिस्काउंट ब्रोकरों की बढ़ती लोकप्रियता भी है, जिनकी मदद से उनके लिए ई-केवाईसी, जीरो ब्रोकरेज और निवेश तक आसान पहुंच के साथ वित्तीय बाजार और ट्रेडिंग पोर्टलों पर निवेश करना सरल हो गया है।’
नए निवेशकों की संख्या बढऩे से कारोबार की मात्रा बढ़ी है। वित्त वर्ष 2022 में इक्विटी नकदी बाजार में काराबार 9 प्रतिशत बढ़ा और डेरिवेटिव में 2.6 गुना की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा मजबूत रिटेल प्रवाह से भी बाजार को वैश्विक निवेशकों द्वारा की गई भारी बिकवाली से लगे झटके से उबरने में मदद मिली। इस महीने के शुरू में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संसद में छोटे निवेशकों को आकर्षित किए जाने पर जोर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा था, ‘हमें भरतीय रिटेल निवेशकों और उनकी शेयर खरीद क्षमता की सराहना करनी चाहिए।’
उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि देश में डीमैट खातों की संख्या लगातार बढ़ेगी। हालांकि इस वृद्घि की रफ्तार में कुछ कमी आ सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी धीरज रेल्ली ने कहा, ‘भविष्य में हम 30 प्रतिशत की सालाना वृद्घि दर्ज नहीं कर सकते हैं, जो कि हमने 2020 से दर्ज की थी, लेकिन यह निश्चित तौर पर दो अंक में होगी। फिर भी डीमैट का पहुंच स्तर बचत बैंक खातों या म्युचुअल फंड फोलियो की पैठ के मुकाबले कम बना हुआ है। पैन कार्ड वाले ग्राहकों की संख्या करीब 50 करोड़ हे और अब करीब 9 करोड़ डीमैट खाते होंगे।’
