चालू वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कमजोर नतीजों के बाद विश्लेषकों ने डेलिवरी के आय अनुमान घटा दिए हैं। इससे सोमवार को बीएसई पर कंपनी का शेयर 6.6 फीसदी गिरकर 295.8 रुपये के निचले स्तर पर आ गया। मांग में त्योहारी तेजी की वजह से तीसरी तिमाही अक्सर मजबूत मानी जाती है। सोमवार को यह शेयर 6.25 फीसदी गिरकर 296.95 रुपये पर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स में 0.7 फीसदी (548 अंक) गिरावट आई।
डेलिवरी ने शुक्रवार को 25 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया जो सालाना आधार पर 113 फीसदी की वृद्धि है। कंपनी का राजस्व पिछले साल की तुलना में 8.4 फीसदी बढ़कर 2,378.3 करोड़ रुपये रहा। हालांकि एबिटा सालाना आधार पर 6.2 फीसदी घटकर 102.4 करोड़ रुपये रहा क्योंकि मार्जिन 5 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी रह गया।
तीसरी तिमाही के प्रदर्शन पर ब्रोकरों का नजरिया
पीएल कैपिटल
रेटिंग: होल्ड
टारगेट प्राइस: 340 रुपये
यह लगातार चौथी तिमाही थी जिसमें डेलिवरी की बी2सी बिक्री वृद्धि निचले एक अंक में रही। हालांकि पार्ट-ट्रक लोड (पीटीएल) व्यवसाय ने 16.4 फीसदी/4.7 फीसदी की बिक्री/प्रतिफल वृद्धि के साथ लगातार मजबूत प्रदर्शन किया है। हमने तिमाही में लागत आधारित चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2025 के अपने एबिटा अनुमानों में 9 प्रतिशत की कटौती की है।
जेएम इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज
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टारगेट प्राइस: 380 रुपये
त्योहारी गतिविधियों की वजह से एक्सप्रेस पार्सल के लिए आम तौर पर तीसरी तिमाही मजबूत रहती है। लेकिन खपत में मंदी के साथ-साथ क्विक कॉमर्स बढ़ने और मीशो आंतरिक सोर्सिंग करने के कारण कंपनी मजबूत वृद्धि हासिल करने में विफल रही। एक्सप्रेस पार्सल बिक्री सालाना आधार पर महज 2.5 फीसदी बढ़ी। डेलिवरी आय अनुमानों पर खरी उतरने में विफल रही। हमने कंपनी के लिए राजस्व अनुमान 3-4 फीसदी तक घटा दिया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
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टारगेट प्राइस: 500 रुपये
प्रबंधन का मानना है कि वाल्मो की इनसोर्सिंग ने एक्सप्रेस पार्सल खंड में अन्य कंपनियों की लाभप्रदता पर असर डाला है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में उद्योग में डेलिवरी की मुनाफा भागीदारी दूसरी तिमाही के मुकाबले सुधरी है। इस क्षेत्र में पूंजी प्रवाह सीमित बना हुआ है और प्रबंधन को उम्मीद है कि प्रतिस्पर्धी कंपनियां खुद को बनाए रखने के लिए कीमतें बढ़ाएंगी और राजस्व वृद्धि को बढ़ावा देकर डेलिवरी इसका लाभ उठा सकती है। आगामी तिमाहियों में एक्सप्रेस पार्सल मार्जिन 17-20 फीसदी पर रहने का अनुमान है।
एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज
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टारगेट प्राइस: 425 रुपये
इंटिग्रेटेड नेटवर्क के संचालन से होने वाली प्राप्तियों और लाभ को छोड़े बगैर पीटीएल वॉल्यूम में सुधार करने से दीर्घावधि में मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी। मजबूत नकदी स्थिति (5,500 करोड़ रुपये) और पूंजीगत खर्च की तीव्रता में कमी (वित्त वर्ष 2026 में 5 प्रतिशत) से कंपनी को अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले उद्योग की चुनौतियों से ज्यादा बेहतर ढंग से निपटने में मदद मिलेगी।
पिछले छह महीने में यह स्टॉक 27% गिर चुका है। आज के बंद भाव 296.15 के लिहाज से अगर आईसीआईसीआई के टारगेट प्राइस को देखा जाए तो स्टॉक लॉन्ग टर्म में 69% का रिटर्न दे सकता है।