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PVR और सिनेपोलिस में भरने लगीं आईमैक्स की सीटें, एक्शन और हाई-विजुअल फिल्मों को मिल रही जबरदस्त प्रतिक्रिया

आईमैक्स फॉर्मेट में रिलीज हो रही फिल्मों की संख्या बढ़ने से सिनेमाघरों में दर्शकों की दिलचस्पी फिर से लौट रही है और प्रीमियम स्क्रीनिंग की मांग तेजी से बढ़ रही है।

Last Updated- July 25, 2025 | 10:53 PM IST
imax screen
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

पीवीआर आईनॉक्स और सिनेपोलिस इंडिया जैसे सिनेमाघरों ने आईमैक्स (इमेज मैक्सिमम) जैसी बड़ी प्रीमियम स्क्रीनिंग की दर्शकों की मांग में लगातार वृद्धि देखी है। इनमें कई शो में सिनेमाघरों में लगभग सभी सीटें भर जाती हैं।

यह कवायद ऐसे समय में की जा रही है जब दर्शकों के पास घर बैठे ही डिजिटल कंटेंट की एक बड़ी श्रृंखला मौजूद है। मगर वे थिएटर जाना चाहते हैं। सिनेपोलिस इंडिया के मुताबिक, इस रफ्तार को फर्राटा देते हुए इस साल जनवरी से जून के बीच भारत में रिलीज होने वाली फिल्मों की संख्या में एक साल पहले के मुकाबले 14 से 20 फीसदी अधिक रहीं। इस साल के पहले छह महीनों में पीवीआर आईनॉक्स ने बताया कि आईमैक्स में 23 फिल्में रिलीज हुईं, जबकि पिछले साल शुरुआती छह महीनों में बड़े पर्दे पर 19 फिल्में आई थीं।

आईमैक्स के पास मोशन पिक्चर फॉर्मेट है, जिसमें हाई रेजोल्यूशन कैमरे, फाइल फॉर्मेट, फिल्म प्रोजेक्टर और फिल्म थियेटर शामिल हैं। मगर भारत में अधिकांश फिल्मों को आईमैक्स के लिए फिल्माने के बजाय आईमैक्स फॉर्मेट में रिलीज करने के लिए तैयार किया जाता है।

पीवीआर आईनॉक्स के कार्यकारी निदेशक संजीव कुमार बिजली ने कहा, ‘हम आईमैक्स स्क्रीनिंग के लिए दर्शकों की मांग में लगातार इजाफा देख रहे हैं, खासकर हाई ऑक्टेन और ऐक्शन से भरपूर फिल्मों के लिए। मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलूरु, हैदराबाद, चेन्नई और पुणे जैसे महानगरों में लगातार मांग बढ़ रही है।’ पीवीआर आईनॉक्स की भारत में 25 आईमैक्स ऑडिटोरियम हैं और वह सबसे बड़ी आईमैक्स प्रदर्शक है। उन्होंने कहा, ‘इन शहरों में हमारी कुछ सफल आईमैक्स प्रॉपर्टी हैं, जिनमें बड़ी फिल्मों के आने पर लगभग सभी सीटें भर जाती हैं। सिनेमा के प्रीमियम अनुभव की भूख लगातार बढ़ रही है और आईमैक्स उन उपभोक्ताओं की वरीयता में सबसे आगे हैं।’

सिनेपोलिस इंडिया के प्रबंध निदेशक देवांग संपत कहते हैं कि हॉलीवुड में हर साल करीब 30 से 35 आईमैक्स फॉर्मेट वाली फिल्में रिलीज होती हैं, जबकि भारत में आमतौर पर हर साल करीब 6 से 10 ऐसी फिल्में आती हैं। मगर उन्होंने कहा कि भारतीय आईमैक्स कंटेंट के लिए दर्शकों की भागीदारी काफी बढ़ गई है। पुणे, कोच्चि, बेंगलूरु और मुंबई जैसे शहर सिनेपोलिस के लिए इस श्रेणी में मांग को बढ़ावा देते हैं, जो पांच आईमैक्स स्क्रीन चलाता है।

संपत ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि वॉर 2 जैसी आने वाली फिल्में आईमैक्स अनुभव के लिए भरपूर मांग पैदा करेगी।’

इस साल आईमैक्स फॉर्मेट में रिलीज हुई कुछ बॉलीवुड फिल्मों में विक्की कौशल अभिनीत छावा, सलमान खान की सिकंदर, जॉन अब्राहम की द डिप्लोमैट और अक्षय कुमार अभिनीत स्काई फोर्स शामिल हैं। हृतिक रोशन अभिनीत यश राज फिल्म की स्पाई यूनिवर्स फिल्म वॉर 2 भी आईमैक्स फॉर्मेट में आने वाली है। इसके अलावा, मई के अंत से टॉम क्रूज की मिशन इम्पॉसिबल- द फाइनल रेकनिंग, फैंटसी एडवेंचर फिल्म, हाउ टु ट्रेन योर ड्रैगन, जेम्स गन के निर्देशन वाली सुपरमैन और ब्रैड पिट अभिनीत एफ1 जैसी प्रमुख हॉलीवुड फिल्में भी आईमैक्स फॉर्मेट में रिलीज हुईं और इनसे भी मांग को बल मिला।

संपत कहते हैं, ‘यह प्रवृत्ति (आईमैक्स के लिए डिजिटल रूप से तैयार की जा रही फिल्मों की बढ़ती संख्या) आईमैक्स फॉर्मेट के मूल्य प्रस्ताव के प्रति उद्योग की बढ़ती मान्यता और पोस्ट-प्रोडक्शन प्रौद्योगिकियों की बढ़ती उपलब्धता को दर्शाती है।’

सनशाइन पिक्चर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक विपुल शाह ने कहा कि आईमैक्स स्क्रीन की बड़े पैमाने पर उपलब्धता, जिसमें प्रीमियम अनुभव भी शामिल हैं। फिर लोगों को टिकट की कीमत से फर्क नहीं पड़ता है। कई लोग अगर अच्छा अनुभव मिले तो अधिक रकम भुगतान करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। शाह की बातों पर सहमत होते हुए बिजली ने कहा कि अगर कोई फिल्म आईमैक्स पर रिलीज होती है तो कुल बॉक्स ऑफिस आमदनी में 25 फीसदी तक योगदान कर सकती है। सिनेमा व्यापार विश्लेषक गिरीश वानखेड़े ने कहा कि आईमैक्स में रिलीज होने वाली फिल्मों की कीमत 1,200 से 1,400 रुपये के बीच होती है। 

शाह ने समझाया, ‘प्रोडक्शन के नजरिये से देखें तो जब तक फिल्म आईमैक्स कैमरों के जरिये फिल्माया जाता है तो एक सामान्य फिल्म को आईमैक्स फॉर्मेट में तब्दील करने पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है। फिलहाल, भारत में आईमैक्स कैमरों तक काफी कम पहुंच है। शायद सिर्फ एक या दो ही कैमरे हैं, जिससे इस फॉर्मेट में फिल्मों की शूटिंग में परेशानी होती है। मगर जैसे-जैसे आईमैक्स स्क्रीन की संख्या बढ़ रही है फिल्म निर्माता भी दर्शकों को थियेटर में आकर्षित करने के तरीके खोज रहे हैं। इससे लगता है कि आने वाले समय में आईमैक्स के लिए खास तौर पर फिल्माई गई अधिक फिल्में देखने की संभावना है।

First Published - July 25, 2025 | 10:45 PM IST

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