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केंद्र सरकार के कर्मचारियों को UPS में भी NPS की तरह मिलेगी टैक्स छूट, 30 सितंबर तक चुनने का मौका

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम में योगदान, निकासी और पेंशन पर टैक्स नियम NPS जैसे लागू किए गए हैं जिनकी जानकारी वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी की गई है

Last Updated- September 25, 2025 | 5:14 PM IST
Pension
प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने वाले कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) जैसी ही टैक्स छूट मिलेगी। कर्मचारियों के पास 30 सितंबर तक NPS से UPS में शिफ्ट करने का समय है। इस फैसले को समझने में मदद के लिए वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने कुछ सवाल-जवाब (FAQs) जारी किए हैं। इसमें UPS के तहत योगदान, निकासी और पेंशन की टैक्स व्यवस्था की जानकारी दी गई है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है?

UPS एक ऐसी पेंशन योजना है, जो 1 अप्रैल, 2004 या उसके बाद नौकरी शुरू करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है। इसका नोटिफिकेशन जनवरी में जारी किया गया था। NPS में शामिल कर्मचारी और रिटायर हो चुके लोग भी 30 सितंबर से पहले UPS चुन सकते हैं। यह स्कीम मार्केट से जुड़े फायदे और निश्चित पेंशन का मिश्रण है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इसके लिए मार्च में नियम बनाए थे।

योगदान पर टैक्स को लेकर नियम

UPS में कर्मचारी और सरकार दोनों के योगदान पर NPS जैसे ही टैक्स नियम लागू होंगे:

  1. कर्मचारी का योगदान: कर्मचारी अपने बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते (DA) का 10 फीसदी तक योगदान कर सकते हैं। यह राशि सेक्शन 80 CCD (1) के तहत टैक्स छूट के लिए योग्य है।
  2. सरकार का योगदान: सरकार कर्मचारी के व्यक्तिगत कोष में बेसिक वेतन और DA का 10 फीसदी डालती है। यह सेक्शन 80 CCD (2) के तहत टैक्स छूट में आता है।
  3. पूल कोष में योगदान: सरकार कर्मचारी के वेतन का 8.5 फीसदी अलग से पूल कोष में डालेगी। इस राशि को वेतन नहीं माना जाएगा, इसलिए इस पर टैक्स नहीं लगेगा।

Also Read: UPS में मिलेगी NPS जैसी टैक्स छूट, रिटायरमेंट पेंशन भी अब टैक्स-फ्रेंडली; सरकार ने जारी किए FAQs

निकासी और रिटायरमेंट का लाभ

DFS के FAQs में रिटायरमेंट से जुड़े कई जरूरी बिंदुओं को साफ किया गया है:

  • आंशिक निकासी: कर्मचारी अपने योगदान का 25 फीसदी तक टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं।
  • लम्पसम राशि: रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को हर छह महीने की नौकरी के लिए बेसिक वेतन और DA का 10 फीसदी लम्पसम मिलेगा। यह पूरी तरह टैक्स-फ्री होगा।
  • कोष से निकासी: कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कोष या बेंचमार्क कोष (जो भी कम हो) का 60 फीसदी तक टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं। बाकी 40 फीसदी पूल कोष में जाएगा, जिस पर टैक्स नहीं लगेगा।
  • अतिरिक्त कोष: अगर व्यक्तिगत कोष बेंचमार्क कोष से ज्यादा है, तो अतिरिक्त राशि का 60 फीसदी टैक्स-फ्री होगा। बाकी 40 फीसदी को वेतन मानकर टैक्स लगेगा।

पेंशन पर टैक्स कैसे लगेगा?

  • मासिक पेंशन: कर्मचारियों को मिलने वाली मासिक पेंशन को वेतन माना जाएगा और उस पर टैक्स लगेगा।
  • फैमिली पेंशन: अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके जीवनसाथी को मिलने वाली फैमिली पेंशन पर ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत टैक्स लगेगा।

इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

UPS और NPS में टैक्स नियम लगभग एक जैसे हैं। लेकिन दोनों योजनाओं की संरचना अलग है। UPS में स्थिरता ज्यादा है, जबकि NPS में बाजार से जुड़ा लचीलापन है। कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वे DFS के FAQs को ध्यान से पढ़ें और पेशेवर सलाह लें। यह फैसला उनकी रिटायरमेंट की आय को लंबे समय तक प्रभावित करेगा।

First Published - September 25, 2025 | 5:04 PM IST

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