वित्तीय संकट के मद्देनजर तमाम तरह की अफवाहों का बाजार गर्म था।
मसलन इस बार वित्तीय क्षेत्र से नौकरियों की पेशकश का टोटा रहेगा, वित्तीय कंपनियां नियुक्ति में कम दिलचस्पी लेंगी। पर अहमदाबाद के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम-ए) में समर प्लेसमेंट ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया। इस बार संस्थान में वित्तीय क्षेत्र ने ही छात्रों को सबसे अधिक नौकरियों का ऑफर दिया।
करीब 32 फीसदी नियुक्तियां इसी क्षेत्र में हुईं। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार वित्तीय क्षेत्र से नौकरियों के प्रस्ताव कम रहे। पिछली बार वित्तीय कंपनियों ने 51.3 फीसदी छात्रों को नौकरियों की पेशकश की थी।
दूसरे नंबर पर कंसल्टिंग क्षेत्र का दबदबा रहा जहां से 26 फीसदी छात्रों को नौकरी की पेशकश की गई। मार्केटिंग की नौकरियों के लिए भी छात्रों का खासा आकर्षण दिखा और 23 फीसदी छात्रों ने इसे ही करियर के तौर पर चुना।
संस्थान में इस बार पहली दफा जिन कंपनियों और संस्थाओं ने नियुक्ति के लिए शिरकत की उनमें योजना आयोग, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), वायदा बाजार आयोग (एफएमसी), बूज ऐंड कंपनी और ब्रिटेन की ओलिवर वाइमैन शामिल हैं।
आईआईएम-ए के निदेशक समीर बरुआ ने कहा, ‘अगर इस बार वित्तीय क्षेत्र से कम नौकरियों के प्रस्ताव आए हैं तो इसके लिए वित्तीय बाजार में आए उठापटक को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, वैश्विक मंदी का इससे कुछ लेना देना नहीं है।’
इस बार समर प्लेसमेंट में स्नातकोत्तर पाठयक्रम के 300 छात्रों को बैठने का मौका मिला था जिन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए 117 कंपनियां आई थीं। वहीं पिछली बार 90 कंपनियों ने नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लिया था। इस बार संस्थान को लीमन ब्रदर्स की अनुपस्थिति खली जिसने पिछली बार 15 छात्रों का चयन किया था।
हालांकि इस बार भी विभिन्न कंपनियों ने विदेशों में नौकरी के 90 प्रस्ताव छात्रों के सामने रखे। पर इस बार कई छात्रों ने विदेशी कंपनियों की तुलना में भारतीय कंपनियों के प्रस्ताव को चुनना बेहतर समझा। बरुआ ने कहा, ‘पश्चिमी देशों की तुलना में इस बार कई छात्रों ने एशियाई देशों की नौकरियों को तवाजो दी।’
बैंकों और कंसल्टिंग के अलावा इस बार आदित्य बिड़ला समूह और टीएएस ने इस बार छात्रों को सामान्य प्रबंधकीय नौकिरयों के प्रस्ताव भी दिये। वहीं पी ऐंड जी और एचयूएल ने मार्केटिंग से जुड़ी नौकरियों की पेशकश की। ये कंपनियां चुने हुए छात्रों को इंटनर्शिप के लिए विदेश ले जाएंगी।
संस्थान में यह नियुक्ति प्रक्रिया 13 से लेकर 18 नवंबर तक चली और पहले ही दिन कई वैश्विक बैंकों और कंसल्टिंग कंपनियों ने इसमें शिरकत की जिनमें गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टैनली, द रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड, रॉशचाइल्ड और यूबीएस प्रमुख हैं।
इस बार भी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने छात्रों को आकर्षक पैकेजों की पेशकश की। प्लेसमेंट के पहले दिन छात्रों को 80 प्रस्ताव मिले और डे जीरो के आखिर तक 115 छात्रों को नियुक्त किया जा चुका था।