केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने आज कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देगा, जिसमें हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों पर रोक लगाई गई थी। इनमें रेस्तरां और होटलों को खाने के बिलों पर स्वचालित रूप से सेवा शुल्क लगाने से मना किया गया था। उम्मीद […]
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केंद्र सरकार ने मौजूदा 80 साल पुराने कॉफी ऐक्ट को वापस लेने की योजना बनाई है। साथ ही सरकार ने भारतीय कॉफी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ‘कॉफी (प्रोत्साहन और विकास विधेयक), 2022’ लाने की तैयारी में है। नए कानून के माध्यम से सरकार का मकसद भारतीय कॉफी बोर्ड के कामकाज का […]
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भारत की जेलों में 2016 और 2020 के बीच कैदियों की संख्या बढ़कर 3,71,848 हो गई है। कैदियों की यह संख्या देश की जेलों की 4,14,033 की कुल क्षमता का 90 फीसदी है। इसी बीच जेल में मौजूद विचाराधीन कैदियों की संख्या में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इनमें से एक-चौथाई लोग एक साल […]
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में मीशो को ‘जाने-माने चिह्न’ के रूप में मान्यता देते हुए नकली वेबसाइटों को पंजीकृत करके धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल गलत काम करने वालों को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं। सॉफ्टबैंक समर्थित मीशो ने कहा कि अदालत ने डोमेन नाम का पंजीकरण करने वालों को […]
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बेसिक छूट सीमा से अधिक की कुल आय वाले व्यक्ति को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आयकर रिटर्न जरूर दाखिल करना चाहिए। यह दायित्व किसी व्यक्ति की मृत्यु के मामले में भी पूरा किया जाना चाहिए। दीपक जैन कहते हैं, “कानूनी उत्तराधिकारी को मृत व्यक्ति के प्रतिनिधि के तौर पर ITR दाखिल करना चाहिए। […]
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सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को एक अंतरिम आदेश पारित कर 152 वर्ष पुराने देशद्रोह कानून को स्थगित करते हुए केंद्र और राज्यों से कहा कि जब तक कानून की समीक्षा की जा रही है तब तक के लिए इस कानून के तहत नई प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने से परहेज करें। अदालत इस मामले में […]
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में बुधवार को खंडित निर्णय सुनाया। अदालत के एक न्यायाधीश ने इस प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है। खंडपीठ ने पक्षकारों को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने की छूट दी। खंडपीठ […]
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उच्चतम न्यायालय ने देशभर में राजद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाहियों पर बुधवार को रोक लगा दी और केंद्र एवं राज्यों को निर्देश दिया कि जब तक सरकार का एक ‘उचित मंच’ औपनिवेशिक युग के कानून पर फिर से गौर नहीं कर लेता, तब तक राजद्रोह के आरोप में कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की […]
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उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि राजद्रोह के संबंध में औपनिवेशिक युग के कानून पर किसी उपयुक्त मंच द्वारा पुनर्विचार किए जाने तक नागरिकों के हितों की सुरक्षा के मुद्दे पर वह अपने विचारों से अवगत कराए। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाले पीठ ने केंद्र की उन दलीलों पर […]
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केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह राजद्रोह के दंडनीय कानून की संवैधानिक वैधता का अध्ययन करने में समय नहीं लगाए क्योंकि उसने (केंद्र ने) इस प्रावधान पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है जो सक्षम मंच के समक्ष ही हो सकता है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति […]
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