प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बढ़ाने और फॉर्च्यून 500 में शामिल कंपनियों को लाने में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजेगी।
प्रदेश में एफडीआई को आकर्षित करने व इसे निवेश के लिहाज से देश का मोस्ट फेवरेबल डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित करने के लिए योगी सरकार ने नयी नीति लागू की है। एफडीआई पॉलिसी 2023 के जरिए प्रदेश सरकार विदेशी निवेशकों और फॉर्च्यून 500 में शामिल कंपनियों को आकर्षक रियायतें व सब्सिडी दे रही है।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में जापान की फूजी सिल्वरटेक कॉन्क्रीट प्राइवेट लिमिटेड, पहली कंपनी बनी है जिसने नई एफडीआई पॉलिसी लागू होने के बाद 1 अरब रुपये से अधिक का नियोजित निवेश किया है।
फ़ूजी सिल्वरटेक को विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए यीडा क्षेत्र के सेक्टर-32 में 75 फीसदी रियायती दरों पर 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। यह जमीन तेजी से बन रहे नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, जेवर के पास है। इसके अलावा एक और फॉर्च्यून 500 कंपनी जिसे सब्सिडी वाली जमीन मिलने की उम्मीद है वह सिफी इनफाइनाइट स्पेस है जो सेक्टर-28 में डेटा सेंटर के विकास के लिए काम करेगी।
अधिकारियों का कहना है कि स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम में फॉर्च्यून 500 कंपनियों के लीडर्स के साथ मुलाकात करके सीएम योगी का प्रतिनिधिमंडल इन कंपनियों का एफडीआई माध्यम से व्यापक निवेश प्रदेश में आकर्षित करने की कोशिश करेगा। वहीं, अन्य वैश्विक आर्थिक मंचों पर भी उत्तर प्रदेश की व्यापक छवि प्रदर्शित करने की दिशा में भी योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में कुल 14 फॉर्च्यून-500 कंपनियों की उपस्थिति है। अब इस संख्या को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के एक प्रयास के तहत प्रदेश में एफडीआई को आकर्षित करने व यूपी को निवेश के लिहाज से देश का मोस्ट फेवरेबल डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित करने के लिए स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ)-2023 में योगी सरकार अपना प्रतिनिधिमंडल भी भेजने जा रही है।
अगले वर्ष जनवरी 15 से 19 के बीच डब्ल्यूईएफ में भाग ले रहे इस प्रतिनिधिमंडल में औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल नंदी, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) मनोज कुमार सिंह व मुख्यमंत्री के सचिव अमित सिंह भी शामिल होंगे।
आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश 2001 से 2017 के बीच 17 सालों में जितना विदेशी निवेश उत्तर प्रदेश में आया, उससे करीब चार गुना ज्यादा विदेशी निवेश 2019 से 2023 के बीच सिर्फ पांच सालों में आया।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग व भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, 2000 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश में सिर्फ 3,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया, जबकि 2019 से जून 2023 के बीच सीधे तौर पर करीब 11,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अक्टूबर 2019 से जून 2023 के बीच देश के विभिन्न राज्यों में एफडीआई लिस्ट में उत्तर प्रदेश 11वें स्थान पर आ गया है।
उत्तर प्रदेश से ऊपर महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश ने पंजाब, आंध्र प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल, बिहार, चंडीगढ़, गोवा और छत्तीसगढ़ समेत 22 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के देश के शीर्ष 10 राज्यों में शामिल हो जाएगा।