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कौन हैं लालदुहोमा, इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी चीफ रहे Lalduhoma अब बनेंगे मिजोरम के CM!

लालडुहोमा के प्रयास से जेडपीएम(ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट) अस्तित्व में आया। पिछले विधानसभा चुनाव में लालडुहोमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालथनहलवा को करारी शिकस्त दी

Last Updated- December 04, 2023 | 1:40 PM IST
Zoram Nationalist Party chief Lalduhoma

Who is Lalduhoma: मिजोरम चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। इस बार मिजोरम में एक नई स्थानीय पार्टी ZPM ने अच्छी पकड़ बनाई है। बहुमत के आंकड़ों के पास पहुंची ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया है। और इस बीच सबकी निगाहें हैं 74 वर्षीय पूर्व आईपीएस (IPS) अफसर लालदुहोमा पर, जो कि ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट की तरफ से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं।

आखिर कौन है पूर्व आईपीएस लालडुहोमा?

इस चुनाव में मिज़ोरम में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी जेडपीएम के अध्यक्ष लालडुहोमा मिज़ोरम के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। 1977 में आईपीएस बनने के बाद उन्होंने गोवा में एक स्क्वाड लीडर के तौर पर काम किया। तैनाती के दौरान उन्होंने तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की। पुलिस अधिकारी के तौर पर उनकी उपलब्धियां सुर्खियां में रहती थीं।

इसके बाद एक उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिली, 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी पद लालडुहोमा को नियुक्त किया था। पुलिस उपायुक्त के रूप में विशेष पदोन्नति दी गई थी। गौरलतब है कि राजीव गांधी की अध्यक्षता में 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति के सचिव भी थे।

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Lalduhoma की राजनीति में कैसे हुई ‘एंट्री’

लालडुहोमा ने साल 1984 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया, इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी साल यानी 1984 में दिसंबर में लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर लालडुहोमा संसद पहुंचे थे। 1988 में कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद उन्हें दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया था, जिसके कारण उन्हें लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी।

Lalduhoma के प्रयास से जेडपीएम(ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट) अस्तित्व में आया। पिछले विधानसभा चुनाव में लालडुहोमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालथनहलवा को करारी शिकस्त दी, जिसके बाद से वे राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बन गए। उस वक्त लालडुहोमा की गठित पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिल सकी, जिसके कारण उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरना पड़ा था।

कुछ समय बाद, जेडपीएम को चुनाव आयोग से राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता मिली। इस दौरान पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर लालडुहोमा को चुना गया। इस आधार पर उन्हें अपनी विधानसभा सदस्यता को गंवाना पड़ा।

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बता दें 27 नवंबर 2020 को मिज़ोरम राज्य में विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाले लालडुहोमा पहले विधायक बन गए थे। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञ इस घटना को लालडुहोमा के लिए संजीवनी बताते हैं। 2021 में सेरछिप सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने इसे मुद्दा बना दिया। इस उपचुनाव में उन्हें फिर से विधानसभा पहुंचा दिया था।

First Published - December 4, 2023 | 1:22 PM IST

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