facebookmetapixel
रेल मंत्रालय का बड़ा कदम: NMP 2.0 में मुद्रीकरण से 2.5 लाख करोड़ जुटाएगा रेलवे4 नए लेबर कोड आज से लागू: कामगारों को मिलेगी सामाजिक सुरक्षा, मौजूदा श्रम कानून बनेंगे सरलरुपये में तेज गिरावट: डॉलर के मुकाबले 89.5 के पार, बॉन्ड यील्ड में उछालसेबी बड़े सुधारों की तैयारी में: ब्रोकर और म्युचुअल फंड नियमों में बदलाव संभव, नकदी खंड में कारोबार बढ़ाने पर जोरभारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर बनकर अपोलो टायर्स को डबल डिजिट में ग्रोथ की आस: नीरज कंवर2025-26 में रियल एस्टेट में हर साल आएगा 5–7 अरब डॉलर संस्थागत निवेश!भारत-इजरायल स्टार्टअप सहयोग होगा तेज, साइबर सुरक्षा और मेडिकल टेक में नई साझेदारी पर चर्चासुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ITAT में CA और वकील को अब समान पात्रता मानदंडनई दवाओं पर 10 साल की एक्सक्लूसिविटी की मांग, OPPI ने कहा- इनोवेशन बढ़ाने को मजबूत नीति जरूरीइन्फ्रा और ऊर्जा क्षेत्र के दिग्गजों संग सीतारमण की बजट पूर्व बैठक में अहम सुझावों पर चर्चा

UP: मानसून की बेरुखी और लगातार पड़ रही गर्मी ने एक बार फिर बढ़ाई बिजली की मांग

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर में भी अगर मौसम में सुधार नहीं होता है तो रोस्टर के मुताबिक बिजली देने में दिक्कत खड़ी होगी।

Last Updated- September 04, 2023 | 2:17 PM IST
free electricity

मानसून की बेरुखी और लगातार पड़ रही गर्मी के चलते उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बिजली की मांग बढ़कर 28000 मेगावाट के आसपास जा पहुंची है।

गर्मी व उमस की मार झेल रहे प्रदेश के शहरों में तो बिजली की मांग बढ़ी ही है वहीं गांवों में धान की सूख रही फसल की सिंचाई के लिए भी मांग में इजाफा हुआ है। बेतहाशा बढ़ी मांग को पूरा करने की तमाम मशक्कत के बाद भी प्रदेश भर में हर दिन करीब 2000 मेगावाट की कटौती करनी पड़ रही है।

रविवार को बिजली की प्रतिबंधित मांग 26877 मेगावाट के सापेक्ष उपलब्धता 25837 मेगावाट की रही है। इस तरह 1040 मेगावाट की कटौती के साथ ब्रेक डाउन आदि को जोड़ने पर करीब 2000 मेगावाट की कुल कमी रही है।

मौसम में सुधार नहीं तो बिजली देने में खड़ी होगी दिक्कत 

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर में भी अगर मौसम में सुधार नहीं होता है तो रोस्टर के मुताबिक बिजली देने में दिक्कत खड़ी होगी। उनका कहना है कि धान की फसल अगले पंद्रह दिनों में पकने के लिए तैयार होगी और उस समय बारिश न होने की दशा में किसानों के पास ट्यूबवेल का ही विकल्प रहेगा जिसके लिए बिजली चाहिए। इन हालात में सितंबर के दूसरे हफ्ते से गांवों में मांग में इजाफा होगा। साथ ही गर्मी के चलते शहरों की मांग भी बढ़ेगी।

अभी कारपोरेशन के आंकड़ों के मुताबिक गांवों को तय रोस्टर से सवा घंटे तो शहरों को पौन घंटे कम बिजली मिल पा रही है। बड़े शहरों में जरूर 24 घंटे की बिजली आपूर्ति का दावा है।

हालांकि इस समय उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के बिजली घरों से रिकार्ड 5715 मेगावाट का दैनिक उत्पादन हो रहा है जबकि अन्य राज्यों से किए गए बैंकिंग समझौते के तहत भी उत्तर प्रदेश को 2000 मेगावाट तक बिजली मिल रही है।

कारपोरेशन अधिकारियों का कहना है बैंकिंग समझौते के तहत 2000 मेगावाट बिजली इस पूरे महीने मिलती रहेगी जिससे काफी हद तक संकट कम रहेगा। हालांकि उनका कहना है कि खेती किसानी के कामों में मांग बढ़ने पर जरूर आपूर्ति की समस्या होगी।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि आना वाले दिनों में जिस तरह से मांग बढ़ने वाली है उसे देखते हुए युद्धस्तर पर इंतजाम किया जाना जरूरी हो गया है। उनका कहना है कि एनर्जी एक्सचेंज में भी सितंबर के महीने में उपलब्धता की समस्या रहती है। पिछले साल इसी महीने के उदाहरण देते हुए वर्मा ने कहा कि तब भी इन्ही दिनों सबसे ज्यादा मांग में इजाफा हुआ था।

First Published - September 4, 2023 | 2:17 PM IST

संबंधित पोस्ट