हैदराबाद के नए एयरपोर्ट के संयुक्त उपक्रम जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जीएचआईएएल) ने संचालन शुल्क आधा करने की घोषणा की है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी 1 जनवरी 2009 तक घरेलू सेवा प्रदाताओं को छूट की अनुमति दी थी। इस तरह से दोनों पक्षों को समय मिल जाने के बाद सहमति बनने की संभावना है। इस मुद्दे पर हुए विवाद के बाद कानूनी लड़ाई की उम्मीद थी और यही वजह थी कि एयरपोर्ट के संचालन में देरी भी हुई।
किंगफिशर एयरलाइंस के वाइस प्रेसीडेंट राजेश वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘मंत्रालय ने एयरलाइंस को यह अनुमति दे दी है कि जब तक नए एयरपोर्ट के संचालकों और एयरलाइंस के बीच उच्च संचालन दरों के बारे में सहमति नहीं बन जाती, तब तक एयरलाइंस ग्राउंड हैंडलिंग को खुद संभालें।’ भारत-सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विस (एसएटीएस) और मेंजिस बोब्बा एविएशन को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए एयरपोर्ट डेवलपर्स ने अपने राजस्व का 25 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है।
यह फैसला घरेलू सेवा प्रदाताओं के तीब्र विरोध के बाद लिया गया। घरेलू सेवा प्रदाता प्रति एयरक्राफ्ट 19,000 रुपये लिए जाने का विरोध कर रहे थे। घरेलू सेवा प्रदाता इस बात का भी विरोध कर रहे थे कि मंत्रालय ने उन्हें खुद के ग्राउंड हैंडलिंग से वंचित कर दिया है। साथ ही कंपनियों को आउटसोर्सिंग के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। बहरहाल सरकार ने इस बाध्यता को खत्म कर दिया है।
जीएचआईएएल ने पिछले दो सप्ताह से कम खर्च के एयरक्राफ्टों पर लगने वाली घोषित शुल्क 12,500 रुपये को घटा दिया है। अब उनसे 9,500 रुपये लिए जाएंगे।बहरहाल संचालन शुरू होने के पहले विवाद का कोई स्थाई हल नहीं हो पाया है। ग्राउंड हैंडलिंग चार्ज को लेकर सेवा प्रदाताओं को अपने मुताबिक ग्राउंड हैंडलिंग की अनुमति देकर समस्या का अस्थाई समाधान दे दिया है।
साथ ही दोनों पक्षों को पर्याप्त समय मिल गया है कि वे इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढ लें। जीएचआईएएल का कहना है कि हम सम्मानजनक समझौते की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन एयरलाइंस के अधिकारियों का कहना है कि नए आफर में भी शुल्क बहुत ज्यादा है। खुद के ग्राउंड हैंडलिंग पर इससे बहुत कम खर्च आता है।