इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला इंक के मुख्य कार्याधिकारी एलन मस्क ने कहा है कि कंपनी अगले वर्ष इंसानी नजर आने वाले रोबोट का नमूना पेश कर सकती है जिसे ‘टेस्ला बॉट’ का नाम दिया जाएगा। यह रोबोट ऐसे खतरनाक, दोहराव वाले और उबाऊ काम करेगा जिन्हें करना इंसान पसंद नहीं करते। टेस्ला एआई डे आयोजन में मस्क ने कहा कि करीब पांच फुट आठ इंच ऊंचाई वाला यह रोबोट कारों में बोल्ट कसने से लेकर दुकानों में परचून का सामान उठाने जैसे काम करेगा। मस्क ने कहा कि यह रोबोट श्रमिकों की कमी की समस्या को दूर करेगा और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालेगा। उन्होंने कहा कि यह महत्त्वपूर्ण था कि यह मशीन बहुत महंगी न हो। टेस्ला का एआई डे आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब कंपनी के पूर्ण स्वचालित चालक सहायता तंत्र की सुरक्षा और क्षमताओं को लेकर जांच परख बढ़ती जा रही है।
मस्क ने टेस्ला की तकनीक की सुरक्षा को लेकर इस जांच परख पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि इन दिनों कंप्यूटरों और कार में लगे कैमरों की मदद से वाहन चालन में जो सुरक्षा हासिल की जा रही है, कंपनी उसकी तुलना में अधिक सुरक्षित कार चालन मुहैया करा सकती है। इस सप्ताह के आरंभ में अमेरिकी सुरक्षा नियामकों ने टेस्ला के वाहन चालक सहायता तंत्र को लेकर जांच शुरू की थी क्योंकि ऐसी दुर्घटना के मामले सामने आए थे जहां टेस्ला की कार एक स्थान पर खड़ी पुलिस की कारों और अग्निशमन के ट्रकों से टकरा गई थीं। दो अमेरिकी सीनेटरों ने भी फेडरल ट्रेड कमीशन से कहा कि वह टेस्ला के पूर्ण स्वचालित वाहन चालन तंत्र के दावे की जांच करें।
इस अवसर पर टेस्ला ने अपने हाई स्पीड कंप्यूटर डोजो के लिए विकसित की गई चिप भी पेश कीं। यह कंप्यूटर कंपनी की स्वचालित वाहन चालन प्रणाली की सहायता करेगा। मस्क ने कहा कि डोजो अगले वर्ष से काम शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि टेस्ला अपने साइबरट्रक इलेक्ट्रिक पिकअप के लिए बने सेल्फ ड्राइविंग कंप्यूटर के लिए नया हार्डवेयर भी एक साल में पेश करेगी। कंपनी ने जुलाई में अपने बहुप्रतीक्षित साइबरट्रक को बाजार में उतारने का कार्यक्रम अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया था। आयोजन में ये सवाल भी उठे कि मस्क जो कार्यक्रमों में तकनीकी उन्नति की बातें बढ़चढ़ कर करते हैं लेकिन अवसर आने पर योजनाओं को सीमित कर देते हैं, क्या वे इस रोबोट को समय पर पेश कर पाएंगे। कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर राज राजकुमार ने कहा कि धरती पर किसी भी कंपनी के ऐसे इंसानी दिखने वाले रोबोट को बनने में अभी 10 वर्ष से ज्यादा समय लगेगा जो दुकानों पर जाकर काम कर सकेगा।