टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का कहना है कि टाटा संस ने पांच वर्षों में अपनी कंपनियों में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और वह ‘भविष्य के लिए तैयार और सक्षम’ है। उन्होंने सेमीकंडक्टर और डिजिटल सेवाओं को वृद्धि के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल किया है।
उन्होंने समूह की वित्त वर्ष 25 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वित्तीय और रणनीतिक अनुशासन की बहु-वर्षीय रणनीति ने समूह को मजबूत स्थिति में ला दिया है। समूह की नजर प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और उपभोक्ता कारोबारों में वृद्धि पर है। टाटा संस नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के कारोबार वाले इस समूह की गैर-सूचीबद्ध नियंत्रक कंपनी है।
समूह का कुल राजस्व पांच वर्षों में 1.9 गुना बढ़ा है, शुद्ध लाभ 3.6 गुना बढ़ा है और लीवरेज अनुपात आधा घटकर 0.7 गुना रह गया है। इक्विटी पर रिटर्न वित्त वर्ष 20 के 8.7 प्रतिशत से दोगुना होकर 17.5 प्रतिशत हो गया। उन्होंने कहा, ‘इस अवधि में टाटा संस ने समूह की कंपनियों में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि कंपनियों ने स्वयं 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय और निवेश किया।’
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें प्रदर्शन के लिए तैयार रहना चाहिए। कुछ निर्णय शायद वक्त और बदलती आर्थिक परिस्थितियों के साथ पुराने पड़ गए होंगे, जो निर्णय लिए जाने के समय शायद आदर्श प्रतीत होते थे। परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में हमारा मंत्र ‘संगति पहले, गति बाद में’ रहा है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि टाटा समूह भविष्य के लिए सक्षम और तैयार है।’ उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन सेमीकंडक्टर, बैटरी, अक्षय ऊर्जा और डिजिटल सेवाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समूह के अगले चरण की वृद्धि का मंच तैयार करता है।’
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और सेमीकंडक्टर कंपनी का जिक्र करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स में हम तकनीकी हार्डवेयर और सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए समानांतर रूप से एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।’ टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स में 65,000 से ज्यादा लोग कार्यरत हैं। इनमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं और वित्त वर्ष 25 में उसने 66,000 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व कमाया। उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया कि तकनीकी हार्डवेयर वाले पूंजी प्रधान जगत में यह अच्छी शुरुआत है।’
टाटा संस की गैर-सूचीबद्ध सहायक कंपनियों में एयर इंडिया ने वित्त वर्ष 25 में 78,636 करोड़ रुपये का राजस्व और 10,859 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। टाटा डिजिटल ने 32,188 करोड़ रुपये का राजस्व और 4,600 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। कंपनी के बीमा क्षेत्र के संयुक्त उद्यमों ने वर्ष का समापन लाभ के साथ किया।
समूह की बैटरी कंपनी अग्रतास भारत और ब्रिटेन में 60 गीगावॉट प्रति घंटा की क्षमता स्थापित कर रही है। टाटा पावर ने आठ वर्षों में अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को चौगुना कर दिया है और सोलर रूफटॉप लगाने में अग्रणी बन गई है। वह देश भर में 6,700 ईवी चार्जिंग स्टेशन बना चुकी है।