सिविल सेवाओं में भर्ती के बाद सुधार लाने की योजना मिशन कर्मयोगी को आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। इसकी घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकारी और सरकारी कर्मचारियों को इस मिशन के तहत अपने प्रदर्शन में सुधार का मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति इस योजना के तहत सिविल सेवा क्षमता बनाने की योजना तैयार करेगी, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
जावडेकर ने कहा, ‘आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भर्ती के बाद बहुत बड़े सुधार पेश करने का फैसला किया है, जिसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को अपना प्रदर्शन सुधारने का मौका दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि यह सरकार में सबसे बड़ा मानव संसाधन सुधार है।
इस कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांतों में ‘नियम आधारित’ मानव संसाधन प्रबंधन से ‘भूमिका आधारित’ प्रबंधन के परिवर्तन को सहयोग प्रदान करना, सिविल सेवकों को उनके पद की आवश्यकताओं के अनुसार आवंटित कार्य को उनकी क्षमताओं के साथ जोडऩा शामिल है। साथ ही ‘ऑफ साइट सीखने की पद्धति’ को बेहतर बनाते हुए ‘ऑन साइट सीखने की पद्धति’ पर बल दिया जाएगा और शिक्षण सामग्री, संस्थानों तथा कार्मिकों सहित साझा प्रशिक्षण अवसंरचना परितंत्र का निर्माण किया जाएगा।
एक अन्य फैसले के तहत मंत्रिमंडल ने मौजूदा उर्दू और अंग्रेजी के साथ कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषा में शामिल करने को मंजूरी दे दी है।