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Potato Price in UP: उत्तर प्रदेश में आलू की कीमतों में आग, इस वजह से भाव में आ रही तेजी

राजधानी लखनऊ की थोक सब्जी मंडी दुबग्गा और सीतापुर रोड के आढ़तियों का कहना है कि आलू की आवक कमजोर है जिसके चलते दाम बढ़ते जा रहे हैं।

Last Updated- April 23, 2024 | 7:35 PM IST
Potato

Potato Price in Uttar Pradesh: नयी फसल आने के मौसम में उत्तर प्रदेश में आलू की कीमतों में आग लग गयी है। पहले होली, सहालग और नवरात्रि के चलते मांग को इसका कारण बताया जा रहा था पर अब भी कीमतों में कोई गिरावट नहीं आई है बल्कि यह उपर ही जा रही है। बीते साल के मुकाबले इस बार अप्रैल में आलू की कीमत 50 फीसदी से ज्यादा चल रही है।

राजधानी लखनऊ की थोक सब्जी मंडी दुबग्गा और सीतापुर रोड के आढ़तियों का कहना है कि आलू की आवक कमजोर है जिसके चलते दाम बढ़ते जा रहे हैं।

हाथरस में आलू की फ्यूचर ट्रेडिंग करने वालों का कहना है कि मई और जून के महीनों में और भी ज्यादा बढ़ी दरों पर सौदे बुक किए जा रहे हैं। लखनऊ की खुदरा बाजारों की बात करें तो आलू की कीमत 25 से 32 रुपये किलो बिक रहा है जबकि थोक मंडी में इसकी कीमत 21-22 रुपये किलो है।

प्रदेश में आलू की बड़ी मंडियों में शुमार फिरोजाबाद, अलीगढ़ और हाथरस में आलू के फ्यूचर सौदे मई-जून के लिए 30 रुपये पर हो रहे हैं। हालांकि हर जगह इसका बड़ा कारण कमजोर आवक को माना जा रहा है। आढ़तियों का कहना है कि पहले के सालों के मुकाबले इस बार अप्रैल में 25-30 फीसदी कम आलू बाजार में आ रहा है।

प्रदेश में इस बार आलू का उत्पादन करीब 240 लाख टन

उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में इस बार आलू का उत्पादन करीब 240 लाख टन हुआ है जोकि पिछले बार के 243 लाख टन के आस-पास ही है। उनका कहना है कि दाम बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे व्यापारी अभी कोल्ड स्टोरों से आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं और नयी फसल का आलू बाजार में पहले ही काफी आ चुका है। उनका कहना है कि प्रदेश के कोल्ड स्टोरों में 140 लाख टन के करीब आलू का भंडारण हो चुका है और निकासी बहुत कम हो रही है।

नवीन मंडी सीतापुर रोड के थोक व्यापारी अजय सोनकर का कहना है कि किसानों से अधिकांश आलू की खरीद कर कोल्ड स्टोरों में जा चुका है। उनका कहना है कि आगे और भी दाम बढ़ने की उम्मीद में व्यापारी कोल्ड स्टोरों से कम माल निकाल रहे हैं।

अजय बताते हैं कि इस बार आलू की फसल की खुदाई फरवरी-मार्च के महीने में ही 90 फीसदी हो चुकी है और अप्रैल में केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में ही खुदाई हो रही है।

एक अन्य आढ़ती राजेश सोनकर का कहना है कि चुनाव के चलते भी खपत में इजाफा हुआ है और 14 अप्रैल से सहालग ने जोर पकड़ा है। इन कारणों से भी दामों में गिरावट नहीं आ रही है। उनका कहना है कि गर्मी के बढ़ने के साथ आलू की कीमत और बढ़ेगी व बरसात में यह नया रिकॉर्ड बना सकती है।

First Published - April 23, 2024 | 7:35 PM IST

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