जाने माने विषाणु वैज्ञानिक टी जैकब जॉन ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या के चार सप्ताह तक कम और स्थिर बने रहने पर ही ऐसा माना जा सकता है कि कोरोनावायरस संक्रमण ‘एंडेमिक’ (स्थानीय स्तर पर फैलने वाली बीमारी) के चरण में प्रवेश कर रहा है।
जॉन ने कहा, ‘जब किसी समुदाय में मामलों की संख्या को एक ग्राफ पर दिखाया जाता है, तो मामलों की संख्या बढऩे, चरम पर पहुंचने और उनके कम होने की प्रणाली को महामारी (एपिडेमिक) कहा जाता है और मामलों की संख्या की क्षैतिज स्थिर अवस्था एंडेमिक कहलाती है। जब महामारी की यह प्रणाली फिर से बनती है, तो उसे लहर कहा जाता है।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए जब तक मामलों की संख्या चार सप्ताह तक मामूली उतार-चढ़ाव के साथ कम और स्थिर नहीं बनी रहती, तब तक हम उसे एंडेमिक घोषित नहीं कर सकते।’ जॉन ने कहा, ‘ओमीक्रोन लहर तेजी से हल्की पड़ रही है तथा कुछ और दिन में हम सबसे कम मामले दर्ज कर सकते हैं, लेकिन एंडेमिक चरण को लेकर सुनिश्चित होने से पहले हम चार सप्ताह तक इंतजार करेंगे।’
यह पूछे जाने पर कि आने वाले महीनों में क्या अपेक्षा की जा सकती है, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के ‘सेंटर ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलॉजी’ के पूर्व निदेशक ने कहा कि इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, बल्कि केवल अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने अनुमान जताया कि एंडेमिक चरण कई महीनों तक बना रहेगा और इस बात की संभावना ‘बहुत कम’ है कि ओमीक्रोन से अधिक संक्रामक और डेल्टा से अधिक खतरनाक कोई और स्वरूप सामने आएगा।
जॉन ने कहा, ‘बहरहाल, जैसे ओमीक्रोन ने हमें हैरान कर दिया, उसी तरह एक और अजीब स्वरूप हमें फिर से चकित कर सकता है।’ महामारी विशेषज्ञ और दिल्ली स्थित ‘फाउंडेशन फॉर पीपल-सेंट्रिक हेल्थ सिस्टम्स’ के कार्यकारी निदेशक डॉ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि कोविड-19 भारत में एंडेमिक चरण में प्रवेश कर रहा है या नहीं, इसकी आम जनता के दृष्टिकोण से प्रासंगिकता सीमित है। लहरिया ने कहा, ‘लोगों को जोखिम के स्तर के आधार पर वायरस के साथ ही रहने के नए तरीकों के अनुसार खुद को ढालना होगा। कोविड-19 के कारण कुछ भी रुकना नहीं चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि भारत में मंगलवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 27,409 नए मामले सामने आए, जिससे संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,26,92,943 हो गई। देश में करीब 44 दिन के बाद संक्रमण के दैनिक मामले 30 हजार से कम दर्ज किए गए हैं।