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कैस को सैध्दांतिक मंजूरी

Last Updated- December 05, 2022 | 7:40 PM IST

केंद्र सरकार ने सिध्दांत के तौर पर दिल्ली, मुंबई कोलकाता और 55 अन्य शहरों में कैस के बिस्तार को मंजूरी दे दी है।


इसे लागू करने की सिफारिश दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने की थी। कैस तकनीक से उपभोक्ता को सेट टाप बाक्स के माध्यम से अपने मन माफिक चैनल और उसके मुताबिक शुल्क भुगतान की सुविधा मिलती है।


कैस तकनीक लागू होने से तीन महानगरों के करीब 72 लाख उपभोक्ताओं के केबल का मासिक शुल्क भुगतान घटकर आधा रह जाएगा। अगर सभी उपभोक्ता कैस का उपयोग करते हैं तो उन्हें तकरीबन 150-200 रुपये प्रतिमाह केबल शुल्क का भुगतान करना होगा।


वर्तमान में तीन मेट्रो शहरों में 1 जनवरी 2007 से कैस लागू है। सूत्रों के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को केबल उद्योग के प्रतिनिधियों, प्रसारणकर्ताओं और उपभोक्ता संगठनों और राज्य सरकारों के कुछ प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें कहा गया कि कैस को विभिन्न चरणों में लागू किया जाएगा।


एमएसओ एलायंस के उपाध्यक्ष ए मोहन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘कैस के विस्तार पर केबल उद्योग की समय सारिणी को ट्राई के अधिकारियों से मंजूरी मिल गई है, जिसमें नवंबर से तीन महीनों में के भीतर मेट्रो शहरों में कैस का विस्तार करना है।’ एमएसओ एलायंस केबल वितरण कंपनियों का संगठन है, जिसने देश भर में कैस लागू किए जाने के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी।


उद्योग जगत के अनुमान के मुताबिक केबल उद्योग तीन मेट्रो शहरों में इसके लागू होने के बाद 600 करोड़ रुपये का कारोबार करेगा। उम्मीद की जा रही है कि करीब 22 लाख सेट टाप बाक्स की मांग होगी, जिसे केबल कारोबारी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराएंगे।

First Published - April 9, 2008 | 10:48 PM IST

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