facebookmetapixel
PSU Stock: रेलवे पीएसयू कंपनी को मिला ₹168 करोड़ का ऑर्डर, सोमवार को शेयर में दिख सकता है तगड़ा एक्शनLenskart 31 अक्टूबर को लॉन्च करेगा IPO, 2,150 करोड़ रुपये जुटाने का है लक्ष्यDividend Stocks: अगले हफ्ते Infosys, CESC और Tanla Platforms शेयरधारकों को देंगे डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टStock Market Outlook: Q2 नतीजों से लेकर फेड के फैसले और यूएस ट्रेड डील तक, ये फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चालअनिल अग्रवाल की Vedanta ने $500 मिलियन बांड जारी कर कर्ज का बोझ घटायाMaruti Suzuki के दम पर भारत का वाहन निर्यात 18% बढ़ा: SIAMअदाणी की फंडिंग में US इंश्योरर्स की एंट्री, LIC रही पीछेMCap: टॉप 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.55 ट्रिलियन बढ़ा, रिलायंस-TCS के शेयर चमकेDelhi Weather Update: दिल्ली में हवा हुई जहरीली, AQI 325 तक पहुंचा – CM रेखा ने कहा, ‘क्लाउड सीडिंग जरूरी’सीनियर सिटीजन्स के लिए अक्टूबर में बंपर FD रेट्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे 8.15% तक ब्याज

Sovereign Gold Bond: SGB में निवेश का सुनहरा मौका! गोल्ड में तेजी दिला सकती है शानदार रिटर्न; इश्यू प्राइस 6,199 रुपये

सोने की कीमतों में आगे और तेजी की संभावना को देखते हुए Sovereign Gold Bond की इस सीरीज में भी शानदार खरीदारी देखी जा सकती है।

Last Updated- December 21, 2023 | 1:14 PM IST
Gold bonds will not come now! Preparation to reduce financial burden अब नहीं आएंगे गोल्ड बॉन्ड! वित्तीय बोझ कम करने की तैयारी

इस वित्त वर्ष के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की तीसरी सीरीज 18 तारीख से सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगी। आरबीआई (RBI) की तरफ से जारी किए जाने वाला यह 66वां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड है। केंद्रीय बैंक ने पहला सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2015 में जारी किया था जो पिछले महीने की 30 तारीख यानी 30 नवंबर को मैच्योर भी हो गया। इससे पहले इस वित्त वर्ष की पहली और दूसरी सीरीज को निवेशकों से तगड़ा रिस्पांस मिला था और दोनों सीरीज में रिकॉर्ड खरीदारी की गई थी।

सितंबर में आई दूसरी सीरीज में लोगों ने अब तक सबसे ज्यादा 1,16,73,960 यूनिट यानी 11.67 टन सोने की वैल्यू के बराबर बॉन्ड को सब्सक्राइब किया। जबकि पहली सीरीज में खरीदारी 77,69,290 यानी 7.77 टन रही थी। सोने की कीमतों में आगे और तेजी की संभावना को देखते हुए इस सीरीज में भी शानदार खरीदारी देखी जा सकती है।

क्या होगा इश्यू प्राइस?

आईबीजेए के रेट मायने रखते हैं क्योंकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस भी आईबीजेए से मिले रेट के आधार पर ही तय होते हैं। नियमों के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू प्राइस सब्सक्रिप्शन पीरियड से ठीक पहले के  3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। इस 66वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन पीरियड 18 दिसंबर से 22 दिसंबर तक है।

चूंकि 16 और 17 दिसंबर को शनिवार और रविवार है, इसलिए 13, 14 और 15 दिसंबर के भाव के आधार पर ही इस सीरीज का इश्यू प्राइस तय होगा। आईबीजेए से  प्राप्त  13 दिसंबर, 14 दिसंबर और 15 दिंसबर के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज 6,199 रुपये है। इसलिए इस 66वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस भी 6,199 रुपये प्रति यूनिट होना चाहिए।

कैसी रही है सोने की चाल?

एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क फरवरी कॉन्ट्रैक्ट फिलहाल 62,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर है। वहीं स्पॉट मार्केट में भी आईबीजेए (IBJA) पर कीमत 62,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास है।

इसी महीने 4 तारीख को एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क फरवरी कॉन्ट्रैक्ट इंट्रा डे कारोबार में 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। आईबीजेए (IBJA) पर  भी उस दौरान कीमत 63,281 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। हालांकि उसके बाद कीमतों में तेज गिरावट आई और MCX पर यह 11 दिसंबर को 61 हजार के करीब चली गई। लेकिन बुधवार को यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की बैठक के बाद बैंक की तरफ से आए डोविश (dovish) कमेंट्री को लेकर कीमतों में गुरुवार को एक बार फिर एक हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा की शानदार तेजी देखी गई।

तेजी की क्या है वजह?

फेड की मीटिंग के बाद बाजार यह मानकर चल रहा है कि अगले साल मार्च से यूएस फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है। फेड अधिकारियों का भी अनुमान है कि 2024 के दौरान यूएस में ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती हो सकती है। फेड की बैठक के बाद यूएस डॉलर इंडेक्स  (US Dollar Index) और बॉन्ड यील्ड (US Bond Yield) में तेज गिरावट आई है। यूएस डॉलर इंडेक्स फिलहाल चार महीने के निचले स्तर पर है। साथ ही 10 वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड भी कमजोर होकर जुलाई के निचले स्तर पर पहुंच गया है। गोल्ड पर कोई इंटरेस्ट नहीं मिलता इसलिए अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट के बाद सोना निवेश के दृष्टिकोण से ज्यादा आकर्षक हो जाता है और उसकी कीमतों में तेजी आती है। वहीं डॉलर में कमजोरी अन्य करेंसी में गोल्ड की कीमत को बढ़ा देती है।

सेंट्रल बैंकों ने अक्टूबर में 41 फीसदी कम सोना खरीदा, साल के 10 महीने में खरीदारी 842 टन तक पहुंची

ग्लोबल लेवल पर महंगाई दर के ऊंची बने रहने और वैश्विक अर्थव्यवस्था (global economy)  में सुस्ती की वजह से भी सोने को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं भू-राजनीतिक तनाव (geo-political tensions) खासकर इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष के मद्देनजर निवेश के सुरक्षित विकल्प (safe-haven) के तौर पर येलो मेटल (yellow metal) की मांग बढ़ गई है।

इन्वेस्टमेंट डिमांड की क्या है स्थिति?

सोने में इन्वेस्टमेंट डिमांड को लेकर भी स्थिति बेहतर हुई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (SPDR Gold Shares ETF) में नवंबर के दौरान 1 बिलियन डॉलर का नेट/शुद्ध निवेश (net inflow)  हुआ। मार्च 2022 के बाद इस फंड में यह सबसे ज्यादा निवेश है। इससे पहले लगातार 5 महीने इस फंड से निकासी (net outflow) देखने को मिली थी।

Sovereign Gold Bond: 17वें गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले बेचने का मिला मौका, सालाना कमाई 13 फीसदी से ज्यादा

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के आंकड़े भी इसी बात की तस्दीक करते हैं। WGC की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल लेवल पर नवंबर के दौरान भी गोल्ड ईटीएफ से निकासी (outflow) जारी रही। हालांकि यह अक्टूबर के मुकाबले बेहद कम रही। नवंबर के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ से 0.9 बिलियन डॉलर यानी 9.4 टन सोने की निकासी हुई जबकि अक्टूबर में 2.1 बिलियन डॉलर यानी 36.5 टन सोने की निकासी की गई थी। सितंबर, अगस्त, जुलाई और जून के दौरान क्रमश: 3.2 बिलियन डॉलर  (58.7 टन), 2.5 बिलियन डॉलर (45.7), 2.3 बिलियन डॉलर (34.7 टन)  और 3.7 बिलियन डॉलर (55.9 टन) की निकासी की गई थी। इससे पहले मई में गोल्ड ईटीएफ में 1.7 बिलियन डॉलर (19.3 टन सोने) का शुद्ध निवेश (inflow) हुआ था।

सेंट्रल बैंकों की खरीदारी रही है कैसी?

इसके अलावा केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की तरफ से सोने की लगातार हो रही खरीदारी ने भी कीमतों को एक हद तक सपोर्ट किया है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर के दौरान दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 42 टन सोने की खरीद की गई। जनवरी- सितंबर की मंथली एवरेज खरीदारी 34 टन से यह 23 फीसदी ज्यादा है। यदि साल के पहले 10  महीनों (जनवरी-अक्टूबर) की बात करें तो इस दौरान केंद्रीय बैंकों की खरीद बढ़कर 842 टन तक जा पहुंची है।

इससे पहले मौजूदा कैलेंडर ईयर की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 337.1 टन सोने की खरीद की गई थी। तीसरी तिमाही के दौरान सोने की खरीदारी का यह दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले तीसरी तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा खरीदारी केंद्रीय बैंकों की तरफ से पिछले कैलेंडर ईयर (2022) के दौरान की गई थी। पिछले कैलेंडर ईयर की समान तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 459 टन नेट सोने की खरीद की गई थी।

यदि भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में आगे कमजोर होता है तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में तेजी अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले ज्यादा रह सकती है क्योंकि भारतीय रुपये में कमजोरी से सोना आयात करना और महंगा हो जाता है।

First Published - December 15, 2023 | 6:00 PM IST

संबंधित पोस्ट