राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
शनिवार सुबह तक AQI ‘खराब’ श्रेणी में था और दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज 2 लागू किया गया था।
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, लोदी रोड पर AQI 287 और इंडिया गेट तथा आस-पास के इलाकों में 325 रिकॉर्ड किया गया। आश्रम और महारानी बाग क्षेत्र में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
इस बीच, हवा में कणों की अधिकता को कम करने के लिए लोदी रोड पर ट्रक-माउंटेड पानी की स्प्रिंकलर मशीनें तैनात की गई हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग आवश्यक है और यह इस तरह का पहला प्रयोग होगा। उन्होंने कहा, “हम इसे दिल्ली में आज़माना चाहते हैं ताकि यह गंभीर पर्यावरणीय समस्या नियंत्रित करने में मदद कर सके। लोगों का आशीर्वाद हमारे साथ है और हमें उम्मीद है कि यह प्रयोग सफल रहेगा।”
पूर्व AIIMS निदेशक डॉ. रणदीप गुलरिया ने भी निवासियों को बढ़ती प्रदूषण के स्वास्थ्य खतरों के प्रति सतर्क किया। उन्होंने कहा कि उच्च AQI वाले हालात में विशेषकर हृदय और फेफड़ों की समस्याओं वाले बुजुर्गों और बच्चों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी और अन्य गंभीर लक्षण देखने को मिल रहे हैं। सामान्य स्वस्थ लोगों में भी नाक बंद होना, गले में खराश और छाती में तकलीफ जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं।
पर्यावरण मंत्री मंझिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में 28 से 30 अक्टूबर तक बादल रहेंगे और 29 अक्टूबर को कृत्रिम वर्षा के लिए सरकार तैयार है।
इस बीच, दिल्ली और एनसीआर के कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, और GRAP के स्टेज 2 के नियम लागू हैं।