देश के साइकिल उद्योग की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में दशक भर के उच्च स्तर 20 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि महामारी की वजह से दबी मांग से इस वित्त वर्ष में साइकिल उद्योग एक दशक की ऊंची वृद्धि दर्ज कर सकता है।
क्रिसिल की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में साइकिल की बिक्री बढ़़कर 1.45 करोड़ इकाई पर पहुंच सकती है। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 1.2 करोड़ इकाई का रहा था। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता है।
साइकिल उद्योग को चार वर्गों- स्टैंडर्ड, प्रीमियम, किड्स और निर्यात में वर्गीकृत किया जा सकता है। स्टैंडर्ड साइकिल का बाजार सबसे बड़ा है। 2020 में कुल साइकिल बिक्री में इसका हिस्सा 50 प्रतिशत रहा था। स्टैंडर्ड साइकिल की मांग में मुख्य योगदान सरकार का रहता है। यह खरीद निविदा प्रक्रिया के जरिये की जाती है। वहीं प्रीमियम और किड्स साइकिल का बाजार आकार करीब 40 प्रतिशत का है। क्रिसिल ने कहा कि यह सिर्फ संगठित क्षेत्र का अनुमान है, जिसकी कुल उद्योग में हिस्सेदारी करीब 75 प्रतिशत की है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक नितेश जैन ने कहा, ‘महामारी की वजह से शरीर को स्वस्थ रखने तथा आनंद के लिए साइकिलों की मांग बढ़ी है। प्रीमियम और बच्चों के खंड में मांग में बढ़ोतरी हुई है।’
