केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जब बुधवार को व्यापार बोर्ड की महत्त्वपूर्ण बैठक होगी तो उसमें उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और शुल्क मुक्त योजना के विस्तार की चर्चा अगले दौर की विदेश व्यापार नीति के लिए व्यापार संगठनों की सिफारिशों पर छाई रह सकती है। महामारी के बाद के समय में पांच वर्ष की नीति महत्त्वपूर्ण होगी क्योंकि भारत आर्थिक गतिविधि में सुधार पर जोर दे रहा है और नई वैश्विक आपूर्ति शृंखला नेटवर्क में मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। चर्चा के अन्य मुद्दों में मालवहन मार्गों के लिए नियामक, भारत की निर्यात हिस्सेदारी को दोगुना करना, राज्य विशेष को ध्यान में रखकर निर्यात की रणनीति और इस्पात की बढ़ती कीमतों पर भी बैठक में बात हो सकती है। महामारी में भारत का निर्यात विपरीत परिस्थितियों से जूझ रहा है।
बैठक में देश के निर्यात पर हाल ही में संपन्न क्षेत्रीय सहायोग और आर्थिक साझेदारी जिसमें भारत शामिल नहीं है, के पडऩे वाले बुरे प्रभावों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ और अन्य महत्त्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने को लेकर भी चर्चा होगी। यह बैठक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएगी। वाणिज्य विभाग के अंतर्गत आने वाले व्यापार बोर्ड में महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों तथा उद्योग और व्यापार संवद्र्घन संगठनों के प्रतिनिधि होते हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने पांच वर्ष की अवधि के लिए अगली विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) के निर्माण के लिए साझेदारों के विचार मांगे हैं।
