वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd.) अपने कर्ज को मैनेज करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। अनिल अग्रवाल की वेदांता एक व्यापक रिस्ट्रक्चरिंग प्लान कर रही है, जिसमें कारोबार को कई लिस्टेड एंटिटीज में बांटा जा सकता है।
इसके लिए वेदांता एक डील करने के करीब है, माना जा रहा है कि अगर ये डील होती है तो वेदांता ग्रुप के मेटल से लेकर एनर्जी तक के कर्ज को मैनेज करने में मदद मिल सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से कहा गया है कि वेदांता ने अपने ऋणदाताओं को रिस्ट्रक्चरिंग के बारे में सूचित कर दिया है और आने वाले दिनों में योजनाओं की घोषणा कर सकती है।
इतना ही नहीं ये भी कहा उम्मीद है कि वेदांता एल्युमीनियम, तेल और गैस, लौह अयस्क और स्टील सहित अपने कारोबारों को अलग से लिस्ट कर सकती है। वेदांता लिमिटेड की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज, होल्डिंग कंपनी बनी रहेगी। जानकारों के मुताबिक, इस पूरे मामले पर विचार-विमर्श जारी है और अभी तक इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी एक मैनेज्ड स्ट्रक्चर पर विचार कर रही है जो कि अनिल अग्रवाल को गैर-लाभकारी या लो ग्रोथ वाले एसेट्स को बेचने में मदद कर सकता है, वहीं निवेशकों के लिए सेमीकंडक्टर्स सहित कंपनी की कुछ नई महत्वाकांक्षाओं पर दांव लगाने का रास्ता खुल सकता है। पिछले 12 महीनों में वेदांता लिमिटेड के शेयरों में आई गिरावट से कंपनी का मार्केट कैप लगभग 777 अरब रुपये (9.3 अरब डॉलर) रह गया है।
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वेदांता समूह के अगस्त 2024 और मार्च 2025 के बॉन्ड, डॉलर पर 75 सेंट से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। इस स्तर को आमतौर पर संकटग्रस्त माना जाता है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अगले कुछ महीनों में डेट रिस्ट्रक्चरिंग के बढ़ते जोखिम का हवाला देते हुए इस सप्ताह वेदांता रिसोर्सेज की रेटिंग को और कम कर दिया। मूडीज ने रेटिंग को CAA1 से CAA3 कर दिया गया है। वहीं वेदांता लिमिटेड की रेटिंग को CAA1 से डाउनग्रेड कर CAA2 कर दिया है।