facebookmetapixel
44% रैली के बाद Hindustan Copper का शेयर कर सकता है बड़ा मूव – निवेशक रहें सतर्करतन टाटा के बाद टाटा ग्रुप में नया संकट! क्या हो रहा है अंदर कि सरकार को देना पड़ा दखलWeWork India IPO का अलॉटमेंट आज, ग्रे मार्केट में गिरा भाव; फटाफट चेक करें स्टेटसStock Market Today: एशियाई बाजारों से मिले-जुले संकेत, कैसी होगी शेयर बाजार की शुरुआत?बॉन्ड बाजार में खुदरा निवेशक कम, सरकार की योजना कर मुक्त बॉन्ड पर जोरPayPal का भारत फोकस; घरेलू भुगतान नहीं, सीमा पार लेनदेन पर जोरAxis Bank का बड़ा प्लान, सभी प्रमुख कॉर्पोरेट्स को बैंकिंग सेवाएं देगासुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को CGHS दरों से बड़ा फायदासरकार कंसर्ट अर्थव्यवस्था को दोगुना करने पर कर रही जोर, प्रक्रिया होगी आसानStocks To Watch Today: Saatvik Green को ₹707 करोड़ के ऑर्डर, Anant Raj का QIP खुला; जानें आज किन शेयरों में रहेगी हलचल

डिस्क्लोजर के नियमों में बड़ा बदलाव: SEBI ने कंपनियों का काम किया आसान!

नई व्यवस्था के तहत कंपनियों को अपनी सारी जानकारी एक खास और एकीकृत फॉर्मेट में देनी होगी।

Last Updated- January 01, 2025 | 8:14 PM IST
SEBI

सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने कंपनियों के लिए फाइलिंग के पुराने झंझट को खत्म करने का बड़ा फैसला लिया है। अब 31 दिसंबर दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही से फाइलिंग का पूरा सिस्टम बदलने वाला है। नई व्यवस्था के तहत कंपनियों को अपनी सारी जानकारी एक खास और एकीकृत फॉर्मेट में देनी होगी। यानी अब हर तिमाही, कंपनियों की गवर्नेंस और वित्तीय जानकारी एक ही जगह पर फाइल होगी।

नए नियमों के मुताबिक, गवर्नेंस से जुड़ी जानकारियां, जैसे कि कॉरपोरेट गवर्नेंस रिपोर्ट और निवेशकों की शिकायतों का हल, तिमाही खत्म होने के 30 दिनों के अंदर फाइल करनी होगी। दूसरी तरफ, वित्तीय जानकारियां, जैसे तिमाही नतीजे, संबंधित पार्टी लेनदेन (RPT), और बकाया लोन डिफॉल्ट, 45 दिनों के भीतर फाइल करनी होंगी। सालाना वित्तीय नतीजों के लिए 60 दिनों की मोहलत दी गई है।

सेबी ने कंपनियों को यह भी कहा है कि वे अपने छमाही RPT फाइलिंग में संबंधित पार्टी लेनदेन की मंजूरी का ब्योरा भी शामिल करें। यह सारी जानकारी सेबी द्वारा तय किए गए खास फॉर्मेट में देनी होगी।

पहली एकीकृत फाइलिंग का समय भी तय कर दिया गया है। दिसंबर 31, 2024 को खत्म हो रही तिमाही की पहली फाइलिंग, तिमाही खत्म होने के 45 दिनों के अंदर होनी चाहिए। इससे कंपनियों को अपनी प्रक्रिया आसान बनाने का मौका मिलेगा, और निवेशकों के लिए डेटा तक पहुंचना भी ज्यादा सुविधाजनक होगा।

सेबी की इस पहल का असली मकसद है कंपनियों को फाइलिंग के झंझट से राहत दिलाना और डेटा तक निवेशकों की पहुंच को आसान बनाना। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव कंपनियों के समय और संसाधनों की बचत करेगा, साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ाएगा।

First Published - January 1, 2025 | 8:00 PM IST

संबंधित पोस्ट