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‘विवाद से विश्वास’ योजना से दूर बड़े मामले

Last Updated- December 12, 2022 | 6:11 AM IST

सरकार भले ही विवाद से विश्वास के तहत लंबित प्रत्यक्ष कर विवाद के 30 प्रतिशत मामलों का समाधान करने में सफल रही है, लेकिन सिर्फ कर राशि के 10.07 मामलों का समाधान हो सका है। इससे पता चलता है कि बड़े कारोबारी इस योजना से दूर रहे हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी ने कहा कि इससे इस धारणा का पता चलता है कि बड़े कारोबारी याचिका की लागत का वहन करने में सक्षम हैं। मोदी ने कहा, ‘यह योजना बहुत सफल रही है। संग्रह पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस योजना का मकसद विवादों का समाधान था।’
इस योजना की घोषणा पिछले साल बजट में की गई थी। इसके तहत 31 जनवरी, 2020 तक कर विवाद मामले का समाधान करने की अनुमति थी। कुछ विस्तारों के बाद घोषणा विंडो इस साल 31 मार्च को खत्म हो गई, लेकिन 30 अप्रैल तक भुगतान करने की अनुमति दी गई है।
विवादों के कुल समाधान में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है, जबकि सिर्फ 1 प्रतिशत विवादों का समाधान हो पाया।
सीबीडीटी की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक कुल 5,10,491 लंबित विवादित मामलों की राशि 9.7 लाख करोड़ रुपये है और 1,48,690 मामलों के 1.03 लाख करोड़ रुपये के मामले का समाधान हुआ। इससे यह पता चलता है कि सिर्फ छोटे विवादों का निपटान इस योजना के तहत हो पाया है।
मोदी ने कहा, ‘बड़े कारोबारी याचिका की लड़ाई लडऩे में सक्षम हैं, जबकि मझोले करदाताओं का कहना है कि मामले का समाधान कर लेना बेहतर है। साथ ही पुराने मामले, जिनमें जुर्माना और ब्याज का बोझ ज्यादा था, उन्होंने भी इस योजना का विकल्प चुना। इस योजना के तहत कोई ब्याज और जुर्माना नहीं लिया गया।’
 समाधान वाले कुल विवादों में 97 प्रतिशत माले ऐसे हैं, जिनमें करदाताओं ने अपील दाखिल की थी, जबकि शेष 3 प्रतिशत अपील विभाग ने दाखिल की थी।
सीबीडीटी को अब तक 54,005 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि 20,000 करोड़ रुपये 30 अप्रैल तक मिलने की संभावना है। सरकार को करदाता द्वारा भुगतान कर दी गई राशि को वापस करना होगा, ऐसे में सरकार का शुद्ध संग्रह कम रहेगा। मोदी ने कहा कि यह 50,000 करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है।

एस रमणन सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बने
केंद्र सरकार ने एस रमणन को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। सरकारी बयान के मुताबिक यह नियुक्ति 3 साल की होगी। सरकारी क्षेत्र के बैंकों में निदेशक स्तर की नियुक्तियों के बारे में सिफारिश करने वाले निकाय- बैंक्स बोर्ड ब्यूरो ने दिसंबर में इस पद के लिए रमणन के नाम की सिफरिश की थी।  भाषा

First Published - April 7, 2021 | 11:42 PM IST

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