भारत का वर्तमान आर्थिक माहौल निजी निवेश के लिए अनुकूल है, क्योंकि चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच देश एक ‘बेहतर बाजार’ के रूप में उभर रहा है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
अखिल भारतीय सर्वे फरवरी के पहले सप्ताह तक 500 कंपनियों के लिए पूरा हो जाएगा। अंतरिम परिणाम सभी आकार के उद्योग (बड़े, मध्यम और छोटे) में फैली 300 कंपनियों के नमूने पर आधारित हैं। उल्लेखनीय रूप से, प्रारंभिक परिणामों से पता चलता है कि लगभग 97 प्रतिशत कंपनियों द्वारा 2024-25 और 2025-26, दोनों में रोजगार बढ़ाने की उम्मीद है। वास्तव में, 79 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में अधिक लोगों को जोड़ा है। पिछले 30 दिन में आयोजित CII सर्वे से पता चलता है कि 75 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि वर्तमान आर्थिक माहौल निजी निवेश के लिए अनुकूल है।
CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “यह देखते हुए कि सर्वे में शामिल 70 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि वे वित्त वर्ष 2025-26 में निवेश करेंगी, अगली कुछ तिमाहियों में निजी निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है।”
CII ने कहा, “भले ही भू-राजनीतिक स्थिति ने वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं को बाधित किया है और वैश्विक वृद्धि के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं, लेकिन भारत इस चुनौतीपूर्ण वैश्विक पृष्ठभूमि के बीच एक उज्ज्वल स्थान के रूप में उभरा है। सरकार द्वारा शुरू की गई ठोस आर्थिक नीतियों ने सार्वजनिक पूंजीगत व्यय-आधारित वृद्धि पर जोर देते हुए अर्थव्यवस्था को फिर खड़ा करने में मदद की है।”
यह सर्वे निजी क्षेत्र में निवेश में बढ़ोतरी, निजी क्षेत्र में रोजगार तथा निजी क्षेत्र में मजदूरी में वृद्धि का आकलन करने के लिए किया गया था। अगले वर्ष नियोजित निवेश के कारण विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में प्रत्यक्ष रोजगार में औसत वृद्धि क्रमशः 15 से 22 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है।
CII के महानिदेशक ने कहा, “ये आशाजनक परिणाम हैं, जो अर्थव्यवस्था के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर विश्वास दिखाते हैं। हालांकि, जब सर्वे के परिणामों को अन्य उभरते आर्थिक संकेतकों के साथ जोड़ा जाता है, तो यह अर्थव्यवस्था को समझने में मदद करेगा।”
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