facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

क्या हैं पेजर्स, हिजबुल्लाह और अन्य लोग अभी भी क्यों कर रहे हैं इनका इस्तेमाल?

लेबनान की मीडिया के अनुसार, इज़राइली खुफिया एजेंसियों ने पूरे देश में पेजरों में विस्फोट किए, जिनमें से कई पेजर आम नागरिकों के थे।

Last Updated- September 18, 2024 | 4:45 PM IST
pagers

हिजबुल्लाह संगठन में उस वक्त हड़कंप मच गया जब उनके लड़ाकों के कम्युनिकेशन डिवाइस, पेजर, अचानक एक साथ फटने लगे। इन धमाकों में 9 लोगों की मौत हो गई और 2700 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह ने बताया कि दोपहर करीब 3:30 बजे (स्थानीय समय) उनके सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पेजर अचानक फटने लगे।

ईरान समर्थित इस समूह ने इन धमाकों के लिए इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया है, और दावा किया कि इज़राइल ने इन पेजरों में विस्फोटक लगाए थे। हालांकि, इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और इज़राइल ने भी इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

लेबनान की मीडिया के अनुसार, इज़राइली खुफिया एजेंसियों ने पूरे देश में पेजरों में विस्फोट किए, जिनमें से कई पेजर आम नागरिकों के थे।

इन धमाकों ने पूरे देश में दहशत पैदा कर दी और दुनियाभर में निंदा शुरू हो गई। कई जगहों पर सीसीटीवी में इन धमाकों की रिकॉर्डिंग हुई, जिससे लोगों में और ज्यादा चिंता फैली। सोशल मीडिया पर लोगों ने इन हमलों को “साइंस फिक्शन” जैसा बताया। कई लोगों ने आश्चर्य जताया कि इतने पुराने पेजर अब भी इस्तेमाल हो रहे थे।

पेजर, जिन्हें बीपर भी कहा जाता है, 1949 में अल्फ्रेड जे. ग्रॉस द्वारा बनाए गए थे। इनका मुख्य काम रेडियो सिग्नल के जरिए संदेश प्राप्त करना और यूजर्स को बीप या वाइब्रेशन के जरिए अलर्ट करना होता है। 1980 के दशक में पेजर का बहुत इस्तेमाल होता था, लेकिन मोबाइल फोन के आने के बाद इसका उपयोग घट गया।

हिजबुल्लाह क्यों करता है पेजर का इस्तेमाल?

हिजबुल्लाह पेजर का उपयोग इसलिए करता है क्योंकि ये मोबाइल फोन की तुलना में कम ट्रेस किए जा सकते हैं और सुरक्षा के लिहाज से बेहतर माने जाते हैं। पेजर बिना इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क के भी संदेश भेज सकते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा, पेजर उन इलाकों में भी काम करते हैं जहां मोबाइल नेटवर्क कमजोर होता है, इसलिए यह हिजबुल्लाह की जरूरतों के लिए उपयुक्त है।

पेजर तकनीकी रूप से कैसे काम करते हैं?

पेजर विशेष रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं और संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए इन फ्रीक्वेंसी का उपयोग करते हैं। पेजर की बैटरी लंबे समय तक चलती है, जो इसे पेशेवर इस्तेमाल के लिए बेहतर विकल्प बनाता है।

लेबनान में पेजर धमाके का संभावित कारण क्या हो सकता है?

एक हिजबुल्लाह अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि ये धमाके एक “सुरक्षा अभियान” का हिस्सा थे, जिसका मकसद पेजरों को निशाना बनाना था। उन्होंने आरोप लगाया कि इज़राइल इस हमले के पीछे है।

अधिकारी ने यह भी कहा कि पेजर में लगी लिथियम बैटरियां धमाकों की वजह हो सकती हैं, क्योंकि ये बैटरियां ज़्यादा गर्म होने पर फट सकती हैं।

हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हिजबुल्लाह के पेजरों में विस्फोटक लगाए गए थे। इज़राइली एजेंसियों ने इन पेजरों को रोककर उनमें विस्फोटक लगाए थे, जिन्हें एक सिग्नल से ट्रिगर किया जा सकता था।

First Published - September 18, 2024 | 4:45 PM IST

संबंधित पोस्ट