इजरायल और फिलिस्तीन के बीच टकराव के कारण पश्चिम एशिया में तनाव के बावजूद अमेरिका चाहता है कि भारत-पश्चिम एशिया-पूर्वी यूरोप आर्थिक गलियारे पर काम यथासंभव आगे बढ़े। भारत यात्रा के दौरान अमेरिका और विदेशी वाणिज्यिक सेवा के महानिदेशक और वैश्विक बाजारों के वाणिज्य के सहायक सचिव अरुण वेंकटरामन ने श्रेया नंदी से बात की। प्रमुख अंश…
भारत अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाता है और यह सुनिश्चित करने की कवायद करता है कि विश्वसनीय साझेदारों से आयात हो। हम भारत की इस नीति के मुताबिक काम करने को तैयार हैं, क्योंकि हम भारत की सुरक्षा का समर्थन करते हैं। भारत सरकार अभी इस नीति पर काम कर रही है, उसके पहले मैं कुछ नहीं कहना चाहता। मैं नहीं चाहता कि किसी पूर्वग्रह के साथ कुछ कहा जाए।
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अभी इस पर काम चल रहा है। उस सहमति पत्र पर हम गंभीरता से काम कर रहे हैं और हमारे सहकर्मी भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियां भारत के प्रधानमंत्री के सेमीकंडक्टर मिशन में अपना योगदान दे सकें। मुझे लगता है कि इसके लिए उपसमिति की बैठक जल्द होगी। बैठक की कोई तिथि मैं आपको नहीं बता सकता। उपसमिति इससे जुड़े खास मसलों पर चर्चा करेगी।
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गाजा में चल रही इस जंग के लिए साफतौर पर हमास जिम्मेदार है जिसका असर वहां के नागरिकों पर पड़ रहा है। अमेरिका बगैर किसी अपवाद के हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है। हमारी सरकार इसके समाधान की कवायद कर रही है। साथ ही भारत-पश्चिम एशिया गलियारे को लेकर हम भारत को समर्थन देने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
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