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Trump Tariff Policy: यूरोप से कनाडा तक हलचल! क्या ट्रंप के नए टैरिफ से मचेगा व्यापारिक भूचाल?

अब तक, उन्होंने धीमी आर्थिक वृद्धि और बढ़ती महंगाई को लेकर डर पैदा किया है, जिससे शेयर बाजार और उपभोक्ता विश्वास (consumer confidence) नीचे आ रहे हैं।

Last Updated- March 15, 2025 | 6:54 PM IST
US Tariffs on India
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

पूरी दुनिया हैरान है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ की इस उलझन भरी नीति में आगे क्या करेंगे। हाल के दिनों में, ट्रंप ने अपने सहयोगियों और विरोधियों दोनों के खिलाफ सख्त टैरिफ की घोषणा की है। इसमें से कुछ को चुनिंदा तरीके से रोका और फिर दोबार लगाया। कुछ को दोगुना किया फिर आधा कर दिया, और हफ्ते के अंत में चेतावनी दी कि अगर यूरोपीय यूनिनन अमेरिकी व्हिस्की पर 50 प्रतिशत टैरिफ नहीं हटाता, तो वह यूरोपीय वाइन और स्पिरिट्स पर 200 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाएंगे।

लेकिन ट्रंप का अंतिम लक्ष्य क्या है? ट्रंप का लक्ष्य है अमेरिकी विनिर्माण को फिर से मजबूत करना और रास्ते में समझौते हासिल करना। लेकिन जिन लोगों और देशों की किस्मत व्यापार पर निर्भर करती है, वे उनकी इस रणनीति को समझने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक उन्होंने धीमी आर्थिक वृद्धि और बढ़ती महंगाई को लेकर डर पैदा किया है, जिससे शेयर बाजार और उपभोक्ता विश्वास (consumer confidence) नीचे आ रहे हैं।

जर्मनी की बाडर बैंक में पूंजी बाजार विश्लेषण के प्रमुख रॉबर्ट हॉल्वर ने कहा, “उनकी टैरिफ नीति अप्रैल के मौसम से भी ज्यादा अनिश्चित है। इसलिए, कोई प्लान बनाने की निश्चितता ही नहीं है।”

न्यूयॉर्क के क्लिफ्टन पार्क में एग्जिट 9 वाइन एंड लिकर वेयरहाउस के मालिक मार्क ओ’कैलाघन भी यही सोच रहे हैं कि यूरोपीय वाइन पर भारी टैक्स वाकई लागू होगा या नहीं। यह उनके व्यवसाय का एक तिहाई हिस्सा है। वह ट्रंप के इस अचानक बदलते रवैये को देख रहे हैं कि किन देशों और सामानों पर कितना सख्ती करनी है। वह कहते हैं, “अब तो ये हर घंटे बदलता है, है ना? इसे समझना और संभालना मुश्किल है, सब कुछ बहुत तेजी से बदल रहा है।”

कनाडा में, कई पीढ़ियों के राजनीतिक नेताओं ने गर्व से कहा था कि उनका देश और अमेरिका “दुनिया की सबसे लंबी असुरक्षित सीमा” शेयर करते हैं। अब ऐसा नहीं है।  

ट्रंप ने कनाडा को किया एकजुट

ट्रंप ने कनाडाई आयात पर भारी टैक्स लगाए हैं, और यह उनके उस इरादे के साथ है जिसमें वह अमेरिका को अपने पड़ोसी देश को अपने में मिलाना चाहते हैं। इससे कनाडा के दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों ही लोग गुस्से में एकजुट हो गए हैं।

हाल के एक नैनोस पोलमें पाया गया कि ज्यादातर कनाडाई लोगों का अमेरिका के बारे में एक साल पहले की तुलना में राय खराब हुई है।

प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शुक्रवार को अपनी शपथ से कुछ दिन पहले कहा, “अमेरिकी हमारे संसाधन, हमारा पानी, हमारी जमीन, हमारा देश चाहते हैं। सोचिए, अगर वे कामयाब हो गए, तो वे हमारे जीवन के तरीके को नष्ट कर देंगे।”

इससे पहले कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा था, “अगर अमेरिका अपने सबसे करीबी दोस्त के साथ ऐसा कर सकता है, तो कोई भी सुरक्षित नहीं है।”

व्यापार युद्ध , जो जवाबी और बढ़ते टैरिफ से शुरू होते हैं, आमतौर पर कानून की लंबी प्रक्रिया से बनते हैं, जैसा कि लगभग एक सदी पहले स्मूट-हॉले टैरिफ एक्ट के साथ हुआ था। लेकिन इस बार यह ट्रंप के कार्यकारी फैसलों से आ रहा है, जिसमें कांग्रेस निष्क्रिय है, और यह मौसम या शायद उनके मूड की तरह बदल सकता है।

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

First Published - March 15, 2025 | 6:52 PM IST

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